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21 Jul 2020 · 1 min read

झरना

झरने की आवाज है आई
जैसे स्वर्ग में बजे शहनाई
बूंदे सज धज के दिखती ऐसे
जैसे इन्द्र लोक से नारी आई
झूम झूम के लहरें कहती
देखो पनघट पर पनिहारन आई
हर खग मृग बदन भिगोए
जब मार्तण्ड की गर्मी आई
घाट से देखो पवन पुकारे
झरने की क्या ऋतु है आई
वारिज ने क्या पंख दिखाए
लहरों ने जब बदन भिगाई
झरनों की आवाज है आई
जैसे स्वर्ग में बजे शहनाई

संजय कुमार✍️✍️

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