Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jun 2018 · 1 min read

बिना शुगर की चाय

खाने का अब नाम भी, मुझको नहीं पसंद I
मीठा जब से कर दिया, घरवाली ने बंद II

बिना शुगर हलुवा मिले, बिना शुगर की चाय I
फीका सा अब हो गया, जीवन का अध्याय II
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 353 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मेरी मां
मेरी मां
Anop Bhambu
मां बाप के मरने पर पहले बच्चे अनाथ हो जाते थे।
मां बाप के मरने पर पहले बच्चे अनाथ हो जाते थे।
Rj Anand Prajapati
सत्य बदलकर झूठ में, लगा रहे हैं आग।
सत्य बदलकर झूठ में, लगा रहे हैं आग।
Arvind trivedi
क्या हो तुम मेरे लिए (कविता)
क्या हो तुम मेरे लिए (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
जय मां शारदे 🌺🌺🙏
जय मां शारदे 🌺🌺🙏
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
हारे के सहारे
हारे के सहारे
विशाल शुक्ल
𑒚𑒰𑒧-𑒚𑒰𑒧 𑒁𑒏𑒩𑓂𑒧𑒝𑓂𑒨𑒞𑒰 𑒏, 𑒯𑒰𑒙 𑒮𑒥 𑒪𑒰𑒑𑒪 𑒁𑒕𑒱 !
𑒚𑒰𑒧-𑒚𑒰𑒧 𑒁𑒏𑒩𑓂𑒧𑒝𑓂𑒨𑒞𑒰 𑒏, 𑒯𑒰𑒙 𑒮𑒥 𑒪𑒰𑒑𑒪 𑒁𑒕𑒱 !
DrLakshman Jha Parimal
A Senior’s Woe
A Senior’s Woe
Shyam Sundar Subramanian
क्या ख़ूब तरसे हैं हम उस शख्स के लिए,
क्या ख़ूब तरसे हैं हम उस शख्स के लिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शब्द✍️ नहीं हैं अनकहे😷
शब्द✍️ नहीं हैं अनकहे😷
डॉ० रोहित कौशिक
बुद्ध पूर्णिमा विशेष:
बुद्ध पूर्णिमा विशेष:
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जिंदगी की कहानी लिखने में
जिंदगी की कहानी लिखने में
Shweta Soni
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelam Sharma
पुस्तक समीक्षा- धूप के कतरे (ग़ज़ल संग्रह डॉ घनश्याम परिश्रमी नेपाल)
पुस्तक समीक्षा- धूप के कतरे (ग़ज़ल संग्रह डॉ घनश्याम परिश्रमी नेपाल)
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आग और पानी 🔥🌳
आग और पानी 🔥🌳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*शिक्षक जुगनू बन जाते हैँ*
*शिक्षक जुगनू बन जाते हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जब तुम खामोश रहती हो....
जब तुम खामोश रहती हो....
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
तन तो केवल एक है,
तन तो केवल एक है,
sushil sarna
"समझो जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
वैलेंटाइन डे
वैलेंटाइन डे
Chitra Bisht
हमारे जमाने में साइकिल तीन चरणों में सीखी जाती थी ,
हमारे जमाने में साइकिल तीन चरणों में सीखी जाती थी ,
Rituraj shivem verma
नि:स्तब्धता
नि:स्तब्धता
Meera Thakur
आप पाएंगे सफलता प्यार से।
आप पाएंगे सफलता प्यार से।
सत्य कुमार प्रेमी
लकीरें पूरी न थी हाथों की,
लकीरें पूरी न थी हाथों की,
श्याम सांवरा
3273.*पूर्णिका*
3273.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुस्कुराए लड़खड़ाए जिंदगी,
मुस्कुराए लड़खड़ाए जिंदगी,
Rati Raj
कोई शहर बाकी है
कोई शहर बाकी है
शिवम राव मणि
एक generation अपने वक्त और हालात के अनुभव
एक generation अपने वक्त और हालात के अनुभव
पूर्वार्थ
सोरठौ
सोरठौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
दोस्तों, जब जीवन में कुछ अच्छा होने वाला होता है तो अक्सर ऐस
दोस्तों, जब जीवन में कुछ अच्छा होने वाला होता है तो अक्सर ऐस
Piyush Goel
Loading...