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30 Jun 2020 · 1 min read

प्रेम के दोहे

********* प्रेम के दोहे ***********
******************************

मेघ गरजते गगन में , बूँद गिरे रसधार
प्यासा मन है बावरा, आ जाओ घर द्वार

बादल छाये गगन में,बिजली चमके जोर
अंग प्रत्यंग जल उठे,पिया मिलन की लोर

बदली बरसी गगन से,धरा की मिटी प्यास
पपीहे सा तन प्यासा , मनवा बहुत उदास

शीत आर्द्र हवा चली , जाग उठा अनुराग
तनबदन है सिहर उठा , कौन बुझाए आग

सुखविंद्र खड़ा राह में , दोनों बाँह पसार
आ जाओ आलिंगन में , मन में प्रेम अपार

-सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 400 Views

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