Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jun 2020 · 1 min read

“मेरे अंदर के हिमनद को”

मेरे अंदर के हिमनद को,
तुम पिघला देते तो अच्छा होता।
इस श्वेत गरल काे ,
श्याम बनाते तो अच्छा होता।
इतनी जड़ता मेरे अंदर,
तुम निर्झर कर देते तो अच्छा होता ।
नीरज सी सूनी आँखों मे,
तुम दीप जला देते तो अच्छा होता।
तुम मेरे तिमिरयुक्त जीवन को ,
प्रीत ज्योत से भर देते तो अच्छा होता।
मेरे अंदर के हिमनद को,
तुम पिघला देते तो अच्छा होता।
©डा·निधि श्रीवास्तव “सरोद”

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 705 Views

You may also like these posts

🙅आज का मैच🙅
🙅आज का मैच🙅
*प्रणय*
ऋतुराज 'बसंत'
ऋतुराज 'बसंत'
Indu Singh
मन हमेशा एक यात्रा में रहा
मन हमेशा एक यात्रा में रहा
Rituraj shivem verma
हिंदी हाइकु- नवरात्रि विशेष
हिंदी हाइकु- नवरात्रि विशेष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हौसला अपना आजमाएंगे
हौसला अपना आजमाएंगे
Dr fauzia Naseem shad
“जहां गलती ना हो, वहाँ झुको मत
“जहां गलती ना हो, वहाँ झुको मत
शेखर सिंह
कफन
कफन
Mukund Patil
Love story of Pink and Blue
Love story of Pink and Blue
Deep Shikha
हरियाली माया
हरियाली माया
Anant Yadav
*हों पितर जहॉं भी सद्गति की, इच्छा हम आठों याम करें (राधेश्य
*हों पितर जहॉं भी सद्गति की, इच्छा हम आठों याम करें (राधेश्य
Ravi Prakash
💞सुना है ....
💞सुना है ....
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जय श्री राम !
जय श्री राम !
Mahesh Jain 'Jyoti'
"बरसात"
Ritu chahar
गुलाम और मालिक
गुलाम और मालिक
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कोहिनूराँचल
कोहिनूराँचल
डिजेन्द्र कुर्रे
अति गरीबी और किसी वस्तु, एवम् भोगों की चाह व्यक्ति को मानसिक
अति गरीबी और किसी वस्तु, एवम् भोगों की चाह व्यक्ति को मानसिक
Rj Anand Prajapati
मैंने गाँधी को नहीं मारा ?
मैंने गाँधी को नहीं मारा ?
Abasaheb Sarjerao Mhaske
एक ही तो, निशा बचा है,
एक ही तो, निशा बचा है,
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
रिमझिम रिमझिम बारिश में .....
रिमझिम रिमझिम बारिश में .....
sushil sarna
यूं न इतराया कर,ये तो बस ‘इत्तेफ़ाक’ है
यूं न इतराया कर,ये तो बस ‘इत्तेफ़ाक’ है
Keshav kishor Kumar
आत्मविश्वास जैसा
आत्मविश्वास जैसा
पूर्वार्थ
सम्मान समारोह एवं पुस्तक लोकार्पण
सम्मान समारोह एवं पुस्तक लोकार्पण
अशोक कुमार ढोरिया
भय की शिला
भय की शिला
शिवम राव मणि
तुम्हारे कर्म से किसी की मुस्कुराहट लौट आती है, तो मानों वही
तुम्हारे कर्म से किसी की मुस्कुराहट लौट आती है, तो मानों वही
Lokesh Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
एक लंबी रात
एक लंबी रात
हिमांशु Kulshrestha
एहसास
एहसास
Ashwani Kumar Jaiswal
पांव में मेंहदी लगी है
पांव में मेंहदी लगी है
Surinder blackpen
- जिंदगी की आजमाइशे -
- जिंदगी की आजमाइशे -
bharat gehlot
3165.*पूर्णिका*
3165.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...