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21 Apr 2020 · 5 min read

विभिन्न–विभिन्न दोहे

बने रहेंगे दोस्त हम, मित्रगणों के बीच
सभी चेहरे एक से, जितनी फोटो खींच //1.//

अब न व्याप्त हो भय कहीं, अब न हो कहीं युद्ध
उठो! सभी!! आओ चलें, परम पिता है बुद्ध //2.//

हो साधन कोई यहाँ, रहे हमेशा पास
प्यास हिया की तब बुझे, रहे आपकी आस //3.//

सफ़र आपके साथ तो, पतझर भी मधुमास
खिले-खिले जब दिल मिलें, हर मौसम है ख़ास //4.//

कब गुज़रा वो लड़कपन, कब हुए हम जवान
मिले बुढ़ापे में कहाँ, ज़िन्दगी के निशान //5.//

दुःख कहे का मित्रवर, हीरा-मोती साथ
सुख-दुःख मिलके बाँटिये, कभी न छोड़ो हाथ //6.//

गुटका बीड़ी हो गए, लॉक डाउन में बन्द
क्यों कोरोना काल में, धन्धा-पानी मन्द //7.//

सभी में सर्वश्रेष्ठ हैं, ब्रह्मा-विष्णु-महेश
प्रथम वन्दना आपकी, गौरी पुत्र गणेश //8.//

बुद्ध पूर्णिमा के दिवस, संकल्प लें प्रबुद्ध
विश्वव्यापी शान्ति हो, कहीं न हों अब युद्ध //9.//

कला क्षेत्र में बेहतर, कर जाते कुछ हाय
मक्खी मारे बैठ के, दफ़्तर में कविराय //10.//

क़िस्मत ज़ीरो हाय जब, लाख दीजिये पोज़
माया नगरी में नहीं, बनते सब हीरोज़ //11.//

सितार प्रतीक आपका, होंठो पर मुस्कान
बेजोड़ कलाकार हो, बढ़ी सभा की शान //12.//

उत्तम गायक आप हैं, सबको ये विश्वास
क्लासिक म्यूज़िक आपका, सबको आये ‘रास’ //13.//

‘मा’ से शब्द मुकेश भी, और है महावीर
एक कम्पनी एक ग्रुप, इक जैसी तक़दीर //14.//

अजगर डूबे जश्न में, मारा एक भुजंग
सेक सियासी रोटियाँ, बच गए सब दबंग //15.//

करी नौकरी जग मुआ, बना सका न माल
कल भी भूखे हम फिरे, अब भी हैं कंगाल //16.//

माँ पे दोहे श्रेष्ठ हैं, यह प्रभु का वरदान
सबका सुख दुःख जानती, रखती सबका ध्यान //17.//

आपसे बड़ी आस थी, पत्रकार थे ख़ास
मित्रो सबको छोड़कर, असमय चले विकास //18.//

पाप पुण्य दो मार्ग हैं, रंक बनो या भूप
अच्छाई यदि छाँव हैं, बुरे कर्म हैं धूप // 19.//

भारत माँ का चित्र यह, सबसे स्वर्णिम दौर
भारत था संसार में, सबका ही सिरमौर // 20. //

खीरा मिले पहाड़ में, पिसा लहसुनी नून
फिर दिल्ली क्या आगरा, लगे देहरादून // 21. //

लंका घर में चित हुआ, मचा क्रिकेट धमाल
दीपू और भुवी किये, आलराउण्ड कमाल // 22. //

नमन करूँ मैं आपको, जड़ा पहला तृतीय
क्रिकेट में वीरू हुए, यूँ प्रथम भारतीय // 23. //

शतकों का भी लो शतक, लगा दिए भगवान
देख-देखकर धन्य हैं, क्रिकेट के विद्वान // 24. //

जीत-जीतकर कप सभी, लगा दिए अम्बार
मानेंगे हर दौर में, धोनी को अवतार // 25. //

छह छक्के छह बॉल में, लगा बने सरताज
भारत का जन-मन छुए, क्रिकेट के युवराज // 26. //

चौके-छक्कों से छुए, धवन ने सभी शिखर
और ताव दें मूछ पर, सदा यूँ रहें निडर // 27. //

निश्चय ही वह शख़्स खुद, कहलायेगा बुद्ध
जीत लिए जिसने यहाँ, जीवन के सब युद्ध // 28. //

क्रोध धरम का देख के, तबियत है नासाज़
गई यार की जान तो, वीरू है नाराज़ // 29. //

हाथ खोल गब्बर अभी, पी जाऊँगा खून
बसन्ती नहीं नाचना, सिर पे आज जनून // 30. //

बोझ उठाया उम्रभर, नाम धरा इक़बाल
अभिनय के सम्राट तुम, जीत लिए हो काल // 31. //

मोदी को ‘हर हर’ कहें, कृपा है महादेव
मोदी घर घर आज हैं, सब देव कुछ न लेव // 32. //

पूरी की हर योजना, निर्धन जन-जन युक्त
प्रधानमंत्री धन्य हैं, सबको राशन मुफ़्त // 33. //

दुनिया में फिर आपकी, कहीं नहीं है पूछ
मुखमण्डल पर आपके, उगी नहीं यदि मूछ // 34. //

रवि चमका जापान में, रखी हिन्द की लाज
ओलम्पिक में ले लिया, रजत पदक फिर आज // 35. //

एक नया अध्याय फिर, हॉकी का मैदान
खूब पदक जीता नया, बढ़ी देश की शान // 36. //

रहीम हर व्यवहार में, कुशल कला परिपूर्ण
उत्तम दोहे आपके, भाव नीति से पूर्ण // 37. //

खुसरो को शत-शत नमन, कहें तूतिए-हिन्द
थे हिन्दी-ओ-फ़ारसी, के मतवाले रिन्द // 38. //

नीरज गोल्डन बॉय के, आगे टिका न एक
ओलम्पिक थ्रो जेवलिन, सबसे उत्तम फेंक // 39. //

खानों में रसखान थे, कृष्ण भक्ति की जान
भक्तिकाल के कवि अमर, कृष्ण भक्ति की शान // 40. //

‘विजयी विश्व’ गीत रचा, बढ़ा तिरंगा मान
श्यामलाल तुम धन्य हो, सर्वोच्च राष्ट्रगान // 41. //

रीतिकाल के कवि अमर, बाबा केशवदास
सब कुछ सर्वोत्तम रचा, ‘रसिक प्रिया’ है खास // 42. //

हाय ट्विटर ने कर दिया, पप्पू जी को लॉक
अभिव्यक्ति को देखिए, आज लगा है शॉक // 43. //

दोहों का सौन्दर्य ये, हर ले मन सम्पूर्ण
बिहारी सतसई रचे, नीति-भक्ति से पूर्ण // 44. //

मधुबाला मुस्कान है, प्रेम देव आनन्द
दोनों के इस साथ से, बिखरा है मकरन्द // 45. //

मातृभूमि की आन पर, क़ुर्बान है शरीर
मेजर सोमनाथ रहे, यूँ प्रथम परमवीर // 46. //

जय नायक जदुनाथ की, गरजे शेर समान
अरिदल का विनाश किया, न्योछावर की जान // 47. //

शे’र लांस नायक करम, जीवित बने मिसाल
पीटा पाकिस्तान को, जीते फिर टिथवाल // 48. //

देव—वहीदा ने ग़ज़ब, मचाया था धमाल
लाजवाब जोड़ी रही, हर फ़िल्म बेमिसाल // 49. //

आज अटल की पुण्य तिथि, मना रहा है देश
ईमानदार छवि रही, दिया प्रेम सन्देश // 50. //

थे नेताओं में अटल, नेता बड़े विशेष
ताउम्र रही सादगी, गांधीवादी शेष // 51. //

“झाँसी की रानी” रची, कविता महत्वपूर्ण
सन सत्तावन का समर, बता दिया सम्पूर्ण // 52. //

सुभद्रा कुमारी नमन, भारत का अभिमान
महाकाल के भाल पर, छोड़े अजब निशान // 53. //

लॉर्ड्स की ज़मीन पर, रचा नया इतिहास
शमी, बुम-ओ-सिराज ने, दिखाया नया क्लास // 54. //

आ. हजारी प्रसाद थे, देवी का वरदान
श्रेष्ठ साहित्यकार थे, बहुभाषी विद्वान // 55. //

मार गिराए अनगिनित, जब तक हुआ न अन्त
भारत-चीनी युद्ध में, डटे रहे जसवन्त // 56. //

मार नजीबुल्लाह को, दयालू तालिबान
मानवता का कर रहा, आज बड़ा गुणगान // 57. //

बेचैन महाकवि कुँअर, है साष्टांग प्रणाम
सच्चे साधक शब्द के, योगी आठों याम // 58. //

प्रभु जी का मन्दिर बने, त्यागे तब ही प्राण
आज सफ़र अन्तिम चले, राम भक्त कल्याण // 59. //

राखी का त्यौहार है, भ्रात प्रेम सन्देश
रक्षा बन्धन प्रेम पर, बहना का आदेश // 60. //

राजेश-शर्मिला रहा, रोमांस यादगार
नम्बर वन हीरो बने, काका सदाबहार // 61. //

साहिब जी गुरु ग्रन्थ को, मोदी दे सम्मान
हिन्दू ही देता रहा, सब धर्मों को मान // 62. //

साहिब जी गुरु ग्रन्थ को, लाये हिन्दुस्तान
अपमान कहीं ना करे, तालिबान शैतान // 63. //

जात-धर्म पूछे नहीं, हरेक जाता फ़ौज
‘राना’ हिन्दुस्तान में, हरेक करता मौज // 64. //

हिन्दू-सिख है कष्ट में, जीवन नर्क समान
राना डर जाने वही, जो रहते अफ़ग़ान // 65. //

अमरुल्लाह तुझे नमन, खूब दिया सन्देश
मरना कबूल है मगर, छोडूंगा ना देश // 66. //

‘पंजशीर’ का शेर तू, महान अमरुल्लाह
तालिबान पर कर फ़तह, हाफ़िज़ है अल्लाह // 67. //

सौ जन्म भी मिलें अगर, हँसकर दे दूँ जान
ज़ालिम के हाथों मगर, ना दूँ हिन्दुस्तान // 68. //

दसों दिशाएँ झूमती, पहनाती हैं ताज
कृष्ण जन्माष्टमी बनी, पर्व सुहाना आज // 69. //

पंजशीर के शेर थे, शहीद वहीद खान
अंत तलक लड़ते रहे, जब तलक रही जान // 70. //

बीस साल से चैन था, थामे फिर हथियार
असलम बाबा नाम है, पंजशीर से प्यार // 71. //

चिड़िया रानाघाट की, बुलन्द थी परवाज़
रानू मण्डल खो गई, प्यारी थी आवाज़ // 72. //

न्यूटन के विज्ञानं का, ग़ज़ब रहा अनुमान
गिरे हुए इक सेब ने, बना दिया विद्वान // 73. //

साहिब डॉ बेदी किरण, अफ़सर बनी मिसाल
समाज सेवा लक्ष्य था, समर्पण बेमिसाल // 74. //

लक्ष्य रेडियम खोजकर, किया जगत उद्धार
मैरी क्यूरी को मिला, नोबेल पुरस्कार // 75. //

आइन्स्टाइन भौतिकी, वैज्ञानिक का ओज
प्रकाश-विद्युत क्षेत्र में, ऊत्सर्जन की खोज // 76. //

लोकमान्य कहते जिसे, जननायक थे बाल
जन्मसिद्ध अधिकार है, ‘स्वराज’ ठोकी ताल // 77. //

अहिंसा पथ पर जो रहे, थामे सबका हाथ
गाँधी दर्शन था यही, मिले सभी का साथ // 78. //

समझ बरादर बात को, कट्टरता दे त्याग
अमन चैन की राह ले, जाग सके तो जाग // 79. //

‘सुबुही’ की घर वापसी, स्वीट वेलकम होम
धरती से यूँ छू लिया, खूब आपने व्योम // 80. //

कष्ट हरे मंगल करे, भगवान श्री गणेश
माँ है जिनकी पार्वती, पिताश्री शिव-महेश // 81. //

कृष्ण बजाए बांसुरी, सुध खोये संसार
प्रेम धुनों में आ बसा, राधे तेरा प्यार // 82. //

इकहत्तर के युद्ध में, सहमत थी जासूस
दी अहम जानकारियाँ, फ़क्र हुआ महसूस // 83. //

रवींद्र कौशिक को मिला, ब्लैक टाइगर नाम
जासूसी में हिन्द के, आए हरदम काम // 84. //

एक कार्टून देखकर, शिव सैनिक घबराय
बात-बात में मूर्खता, उद्धव की दिख जाय // 85. //

रावण राज पवार का, कंगना करे प्रणाम
उद्धव करे न चाकरी, रउत नमक हराम // 86. //

खाँसत-खाँसत दिन गया, छींकत-छींकत रात
कोरोना मामू बने, पूछें जात न पात // 87. //

•••

Language: Hindi
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Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
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