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3 Dec 2023 · 1 min read

सच का सौदा

हमारा काम हल्का चल रहा है
तभी तो सच का सौदा चल रहा है

बुरे इतने भी दिन आए नहीं हैं
अभी तो साथ साया चल रहा है

मैं सारी दौलतों को पा चुका हूं
यह बेटा मेरे जैसा चल रहा है

यह आँखें राज़ सारे कह रही हैं
तुम्हारे ज़हन में क्या चल रहा है

ज़मीं भी राह उस की तक रही है
फलक से जो भी ऊंचा चल रहा है

कोई मंज़िल के पीछे दौड़ता है
किसी के साथ रस्ता चल रहा है

नई दिल्ली, नई लगती कहां है ?
सभी कुछ पहले जैसा चल रहा है

करिश्मा है यह मोबाइल का ‘अरशद’
हज़ारों में वह तन्हा चल रहा है

– अरशद रसूल बदायूंनी

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