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20 Apr 2020 · 1 min read

कोरोना

नाजुके दौर यह कोरोना का, कदापि हितकारी नहीं है |
मतिमारी गई उनकी,जो समझे इसे बीमारी नहीं है ||
दानव सा विकराल रूप, नित ही बढ़ता जाता है |
जब लगे न पाँव में ठोकर, किसको समझ आता है ?
जब तक समझ में आता है, दुनिया से उठ जाता है ||
दूरी बना, बनो आवासी, अब यही समझ में आता है |
“सुमित” देख दूसरों को समझे,जग में ज्ञानी कहलाता है ||

पं. कृष्ण कुमा शर्मा “सुमित”

Language: Hindi
2 Likes · 281 Views

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