Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Apr 2020 · 1 min read

महात्म्य ऊषणोदकस्य

राम सिया राम सियाराम जै जै राम
सुनहु समाज जन सब कोई,
ऊषणोदक सम् प्रीत नहि होई।
राम सिया राम सियाराम जै जै राम।

जिस दिन चाय पीबई नहि कोई,
दिन सम्पूर्ण नरक सम् होई।राम सिया राम सियाराम जै जै राम ।

सांझ परात जै चाय नहि पीबी,
मनुख रुप धरि पशु सन जीबी ।राम सिया- – ।

जस् सम् चाय पीयई जो घट घट,
काम होए तहिना ओ झट-पट ।राम सिया – – ।

जग में चाय जाति अनेका,
लाल हरा और उजला देखा ।राम सिया – – ।

जो मेहमान को ग्रीनटी पीलाई,
सो मानुष 80कुंड नरक में जाई।राम सिया – – ।

कह उमा सुनु जग भरि बहिनी हमारी,
शिव सों पायल सत्य विचारी ।राम सिया – – ।

पुरुख समान जग में मुरुख नहि कोई,
चाय पिलाई काम करवाले जो सोहि । राम सिया – – ।

रोग शोक व्रत विपति अभागा,
चाय घोंट में रोक न लागा ।राम सिया – – – ।

बार बार नित गान करें, चाय महात्म्य बखान ।
शरीर स्फूर्ति बनी रहे, दुख का कुछ नही भान।।

राम सिया राम सियाराम जै जै राम
राम सिया राम सियाराम जै जै राम ।

— उमा झा

Language: Hindi
6 Likes · 2 Comments · 627 Views
Books from उमा झा
View all

You may also like these posts

मुश्किलें लाख पेश आएं मगर
मुश्किलें लाख पेश आएं मगर
Dr fauzia Naseem shad
रोशनी सूरज की कम क्यूँ हो रही है।
रोशनी सूरज की कम क्यूँ हो रही है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
लड़ाई
लड़ाई
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
बस चार है कंधे
बस चार है कंधे
साहित्य गौरव
बड़े बुजुर्गो की सेवा करने से जो शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता ह
बड़े बुजुर्गो की सेवा करने से जो शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता ह
Shashi kala vyas
कुछ सूझै तो बताना
कुछ सूझै तो बताना
Mahender Singh
हर-सम्त देखा तो ख़ुद को बहुत अकेला पाया,
हर-सम्त देखा तो ख़ुद को बहुत अकेला पाया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
sp115 श्री स्वर्गीय अग्रज केपी सक्सेना
sp115 श्री स्वर्गीय अग्रज केपी सक्सेना
Manoj Shrivastava
लघुकथाएं
लघुकथाएं
ashok dard
जो बीत गया है उसे भुला नहीं पाते हैं
जो बीत गया है उसे भुला नहीं पाते हैं
Sonam Puneet Dubey
*चित्र में मुस्कान-नकली, प्यार जाना चाहिए 【हिंदी गजल/ गीतिका
*चित्र में मुस्कान-नकली, प्यार जाना चाहिए 【हिंदी गजल/ गीतिका
Ravi Prakash
समाज और सोच
समाज और सोच
Adha Deshwal
3823.💐 *पूर्णिका* 💐
3823.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मदिरा सवैया
मदिरा सवैया
Rambali Mishra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
धर्म जब पैदा हुआ था
धर्म जब पैदा हुआ था
शेखर सिंह
वृद्धावस्था
वृद्धावस्था
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
गणपति महाराज
गणपति महाराज
Neha
पर्यावरण
पर्यावरण
Dr Archana Gupta
अब ज्यादा तंग मत कर ।
अब ज्यादा तंग मत कर ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
..
..
*प्रणय*
गीत-14-15
गीत-14-15
Dr. Sunita Singh
नव वर्ष मंगलमय हो
नव वर्ष मंगलमय हो
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रफ़्तार
रफ़्तार
Varun Singh Gautam
स्तुति - दीपक नीलपदम्
स्तुति - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
"हां, गिरके नई शुरुआत चाहता हूँ ll
पूर्वार्थ
हमेशा अच्छे लोगों के संगत में रहा करो क्योंकि सुनार का कचरा
हमेशा अच्छे लोगों के संगत में रहा करो क्योंकि सुनार का कचरा
Ranjeet kumar patre
आचार्य शुक्ल की कविता सम्बन्धी मान्यताएं
आचार्य शुक्ल की कविता सम्बन्धी मान्यताएं
कवि रमेशराज
ओ चिरैया
ओ चिरैया
Girija Arora
Loading...