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15 Mar 2020 · 1 min read

हर दर्द की दवा रखता है वो

हर दर्द की दवा रखता है वो
हर गुनाह को माफ़ करता है वो
जब भी दिल टूटता है हमारा
ज़ख्म को रहम कर भरता है वो
शैतान के बहकावे में आ जाते हैं
तो भी जिन्दगी में खुशी भरता है वो
ठोकरें खाकर जब भी पस्त हुए
जिन्दगी जीना सीखाता है वो
जान हाजिर है खिदमत में “नूरी “का
मेरे राह में रोशनी जलाता है वो
नूरफातिमा खातून” नूरी”
१५/३/२०२०

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