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23 Feb 2020 · 1 min read

?? अब थक सा गया शाहीनबाग ??

?? अब थक सा गया शाहीनबाग ??

देशविरोधी जुबान से,
उगलते-उगलते जहरीला राग,
अब थक सा गया शाहीनबाग ।

भड़के दंगे,हर कोशिश की,
लगाकर जगह-जगह आग,
अब थक सा गया शाहीनबाग ।

संविधान पढ़ा नही-समझा नही,
CAA-NPR पर लगाकर बदनुमा दाग,
अब थक सा गया शाहीनबाग ।

टुकड़े-टुकड़े गैंग जमाकर,
क्षद्मभेषी गद्दारों का देकर सुराग,
अब थक सा गया शाहीनबाग ।

सख़्त इरादे लिये बैठा रहा,
बनाने को नया मजहबी भू-भाग,
अब थक सा गया शाहीनबाग ।

राष्ट्रवाद को झुका देंगे,
दिवा-स्वप्न लिये सब्जबाग,
अब थक सा गया शाहीनबाग ।

फर्जी-ढोंगी सेकुलरवाद का,
बेअदबी से उतार कर नकाब,
अब थक सा गया शाहीनबाग ।

गंगा-जमुनी तहजीबपरस्त,
आंख खोल जाग-जाग-जाग,
अब थक सा गया शाहीनबाग ।

@TheChaand

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 772 Views

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