दोहे ,गुरु जी को समर्पित
[गुरुवर के निर्मल चरण, करते ह्रदय प्रकाश ।
श्रुतियों की वाणी सुना, करते विमल विकास।
नयन कमल को खोल दे, गुरुवर भानु समान।
ज्ञान सृजन मन में करें ,मातु शारदा ध्यान
[गुरुवर के निर्मल चरण, करते ह्रदय प्रकाश ।
श्रुतियों की वाणी सुना, करते विमल विकास।
नयन कमल को खोल दे, गुरुवर भानु समान।
ज्ञान सृजन मन में करें ,मातु शारदा ध्यान