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31 Dec 2019 · 1 min read

बरसात आंखों की

गमो के उमड़ते बादलों का
ये कैसा तूफान है
रूकती नही बरसात
उसकी आंखों की ।

डूबता जा रहा है
दिल सैलाब की गहराइयों मे
टूट न जाये डोर
उसकी सांसों की ।

पतझड़ सा हो गया है
बहारो का चमन
लुटी है तमाम दुनिया
उसकी हसरतों की ।

तन्हा वीरान जिन्दगी जीना
ख्वाब नही था उसका
मिटी है लकीर हाथों से
उसकी तकदीर की ।।

राज विग 31.12.2019.

Language: Hindi
1 Like · 249 Views

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