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5 Sep 2019 · 1 min read

शिक्षक साथियों को समर्पित

आदर करते जो सदा,ईश गुरू को मान ।
सदा सफलता का उन्हें,मिलता है वरदान ।।

शिक्षक से बढ़कर नहीं, इस में दुनिया में खास ।
जब अँधियारा घेर ले, शिक्षक बनता आस ।।

छोटे बालक भी भरें, ऊंची बहुत उड़ान ।
गुरूवर देता है उन्हें, जब शिक्षा का ज्ञान ।।

सफल हुई है ज़िन्दगी, ऐसा दिया तराश ।
ज्ञान गुरू से पा उड़े,नाप रहे आकाश ।।

नन्हें मुन्ने बाल भी, ऊंची भरे उड़ान ।
बिना पंख परवाज़ दे, ऐसा गुरु का ज्ञान ।।

भेद कभी करता नहीं, देता सबको ज्ञान ।
ऐसे गुरू को पूजता, खुद अपना भगवान ।।

गुरू बिना होता नहीं, बेड़ा कोई पार ।
हाथ गुरू सर पर रखें, खिल उठता संसार ।।

सदा झुकें सम्मान से, रखते में दिल भाव ।
नहीं कभी है डूबती, उन शिष्यों की नाव ।।

-श्रीभगवान बव्वा प्रवक्ता
अंग्रेजी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ,लुखी ,रेवाड़ी ।

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