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28 Jun 2019 · 1 min read

#ग़ज़ल-19

मीटर-1222-1222-1222

हुनर तो आप में है मानते हैं हम
गुणों की ही कदर है जानते हैं हम/1

कहे दिल हूँ सबल मैं तो इसी में इक
वही करना सदा बस ठानते हैं हम/2

खुदी को जो भूल जाए वो खुदी मरता
तिरी औक़ात को पहचानते हैं हम/3

दवा हर मर्ज़ की है सोच दीवाने
तुम्हें ज़ल्दी मिलेगी सानते हैं हम/4

वतन से ही अगर धोखा करेंगे तो
खुदी पर मानिए गन तानते हैं हम/5

सही क्या है गलत क्या है पता है रे
सुनो तुम ख़ाक तो ना छानते हैं हम/6

-आर.एस.’प्रीतम’

सर्वाधिकार सुरक्षित–radheys581@gmail.com

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