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24 Jun 2019 · 1 min read

कुण्डलिया

सूरत तेरी सामने , क्या मैं देखूं यार ।
मुझको प्यारा है लगे, बस तेरा दीदार ।‌।
बस तेरा दीदार, सदा ही दिल को भाता ।
इक तुझ में भगवान, नज़र है मुझको आता ।।
कहते श्री कविराय, आरज़ू बस यह मेरी ।
जब जाऊं शमशान, दिखे बस सूरत तेरी ।।

श्रीभगवान बव्वा
प्रवक्ता अंग्रेजी

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