Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
13 Feb 2019 · 1 min read

दाग तेरी विचित्र कहानी

इन्सान की जिंदगी
भरी दाग से
निकला जो बच कर
वह बेदाग हो गया
वरना दाग से तो
देवता भी बच नही पाए

दाग चुनरी पर
बैचैन सुन्दरी
दाग चरित्र पर
बदनाम जमाना

धुल जाते है दाग
जमाने में
बस यादें छोड़
जाते है दिल के
कोने में

सब मांगो दुआ
मौला से इतनी
गुजर जाऐ
फकीर की जिन्दगी
बिना दागों के

और क्या लिखूं
दाग , तुम्हारे बारे में
हँसते खेलते चमन
उजड़ जाते है
एक आंधी से तम्हारे
महफ़ूज रहे
इस दुनियाँ में
गर हर कोई
पाक-साफ रखे
दामन
इन दागों से

Loading...