Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2019 · 1 min read

मुक्तक

प्रेम की सारी संज्ञाएँ तुम्हारे नाम कर दूँगा ।

मैं अपने इश्क़ में तुझको छलकता जाम कर दूंगा ।

खुमारी इश्क़ की मेरे तिरे सर चढ़ के बोलेगी

महफिल-ए-इश्क़ में जाना मैं ऐसा काम कर दूंगा ।

Language: Hindi
445 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

एक ख्वाब ने इस तरह,
एक ख्वाब ने इस तरह,
sushil sarna
चाँद...... एक खूबसूरती
चाँद...... एक खूबसूरती
Neeraj Kumar Agarwal
2535.पूर्णिका
2535.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
అతి బలవంత హనుమంత
అతి బలవంత హనుమంత
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
बुन्देली दोहा - चिरैया
बुन्देली दोहा - चिरैया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुक्तक... छंद हंसगति
मुक्तक... छंद हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
हृदय दान
हृदय दान
Rambali Mishra
हम बिहारी है।
हम बिहारी है।
Dhananjay Kumar
पिता
पिता
विजय कुमार अग्रवाल
जाहिलों को शिक्षा, काहिलों को भिक्षा।
जाहिलों को शिक्षा, काहिलों को भिक्षा।
Sanjay ' शून्य'
"दुआ"
Dr. Kishan tandon kranti
लोगों की अच्छाईयांँ तब नजर आती है जब।
लोगों की अच्छाईयांँ तब नजर आती है जब।
Yogendra Chaturwedi
- गजब हो गया -
- गजब हो गया -
bharat gehlot
तिरस्कार
तिरस्कार
rubichetanshukla 781
एक पल को न सुकून है दिल को।
एक पल को न सुकून है दिल को।
Taj Mohammad
*किस्मत वाले जा रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (पॉंच दोहे)*
*किस्मत वाले जा रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
दिल से सुंदर होना जरूरी है,
दिल से सुंदर होना जरूरी है,
Kanchan Alok Malu
इजरायल–फिलीस्तीन के बीच चल रही लड़ाई
इजरायल–फिलीस्तीन के बीच चल रही लड़ाई
Dr MusafiR BaithA
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
Monika Verma
एक तुम ही थे हमारे
एक तुम ही थे हमारे
दीपक झा रुद्रा
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
■ गाली का जवाब कविता-
■ गाली का जवाब कविता-
*प्रणय*
ज़िंदगी इसमें
ज़िंदगी इसमें
Dr fauzia Naseem shad
सफरनामा
सफरनामा
पूर्वार्थ
ये साल भी मेरी यादों की गठरी समेटे हमसे विदा लेने को है। सपन
ये साल भी मेरी यादों की गठरी समेटे हमसे विदा लेने को है। सपन
Swara Kumari arya
यूं आंखों से ओझल हो चली हो,
यूं आंखों से ओझल हो चली हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिंदा मनुख
जिंदा मनुख
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
Ravi Betulwala
உனக்கு என்னை
உனக்கு என்னை
Otteri Selvakumar
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
gurudeenverma198
Loading...