मुक्तक
“सभी बस जख्म देते हैं दवाएं कौन करता है,
दिल से माँ के अलावा अब दुआयें कौन करता है,
यहाँ इंसान की छोड़ो परिन्दे भी समझते हैं,
मुहब्बत कौन करता है जफायें कौन करता है”
“सभी बस जख्म देते हैं दवाएं कौन करता है,
दिल से माँ के अलावा अब दुआयें कौन करता है,
यहाँ इंसान की छोड़ो परिन्दे भी समझते हैं,
मुहब्बत कौन करता है जफायें कौन करता है”