गरीबों की जिंदगी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
तू सोचती होगी कि------------
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
क्या करे जनाब वक़्त ही नहीं मिला
দিনের পরে দিন গুনে হয়ে যায়
हास्य कुंडलिया
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दुख में दुश्मन सहानुभूति जताने अथवा दोस्त होने का स्वांग भी
अरज लेकर आई हूं दर पर बताने ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
शांति चाहिये...? पर वो "READY MADE" नहीं मिलती "बनानी" पड़ती
- तुम्हारे मेरे प्रेम की पंक्तियां -
"चाटुकारिता में दिन गुज़रे, सुखद स्वप्न में बीते रात।
जीवन : एक अद्वितीय यात्रा
*** हम दो राही....!!! ***
सबके लिए मददगार बनें परंतु मददगार बनकर किसी को भी नुकसान न प
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
हिन्द देश के वासी हम सब हिन्दी अपनी शान है