मुक्तक
” कभी दिल से रिश्ते निभाकर तो देखो,
नफरत को दिल से मिटाकर तो देखो,
उठाना है आसान औरों पे ऊँगली,
कभी खुद पे ऊँगली उठाकर तो देखो “
” कभी दिल से रिश्ते निभाकर तो देखो,
नफरत को दिल से मिटाकर तो देखो,
उठाना है आसान औरों पे ऊँगली,
कभी खुद पे ऊँगली उठाकर तो देखो “