मुक्तक
“आँख तुमसे मिली तो सजल हो गई
मैं मिलने को तुमसे विकल हो गई
ख्वाब में तुम हमारे करीब आ गये,
छू लिया मुझको तो मै कँवल हो गई”
“आँख तुमसे मिली तो सजल हो गई
मैं मिलने को तुमसे विकल हो गई
ख्वाब में तुम हमारे करीब आ गये,
छू लिया मुझको तो मै कँवल हो गई”