Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2019 · 1 min read

रिश्ते

कोई ना संभालता,रिश्तों की सौगात ।
रिश्ते पूँजी थे कभी,है ये कल की बात ।।

रिश्ते नर को थामते,ज्यों पतंग को डोर ।
डोरी कटी जो पतंग की ,फिर जाने किस ओर।।

रिश्ते धूसर हो गए,नहीं रही वह बात ।
प्रेम आपसी ना रहा,ठण्डे सब ज़ज्बात ।।

आज बुढ़ापा सोचता, रख ठुड्डी पर हाथ ।
किस किस ने किस किस समय, नहीं निभाया साथ ।।

भाग दौड़ का है शहर, चैन बसा है गाँव ।
जीवन की इस धूप नें,रिश्ते ठण्डी छाँव ।।

Language: Hindi
1 Like · 612 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
चक्रधारी श्रीकृष्ण
चक्रधारी श्रीकृष्ण
ललकार भारद्वाज
संगीत वह एहसास है जो वीराने स्थान को भी रंगमय कर देती है।
संगीत वह एहसास है जो वीराने स्थान को भी रंगमय कर देती है।
Rj Anand Prajapati
भाई घर की शान है, बहनों का अभिमान।
भाई घर की शान है, बहनों का अभिमान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
अंगूठी अनमोल
अंगूठी अनमोल
surenderpal vaidya
#आज_का_मत
#आज_का_मत
*प्रणय*
जिंदगी है तो तकलीफ तो होगी ही
जिंदगी है तो तकलीफ तो होगी ही
Ranjeet kumar patre
राम राम जी
राम राम जी
Shutisha Rajput
जीने केक् बहाने
जीने केक् बहाने
Sudhir srivastava
रमेशराज का एक पठनीय तेवरी संग्रह “घड़ा पाप का भर रहा ” +डॉ. हरिसिंह पाल
रमेशराज का एक पठनीय तेवरी संग्रह “घड़ा पाप का भर रहा ” +डॉ. हरिसिंह पाल
कवि रमेशराज
एक बात यही है कहना !!
एक बात यही है कहना !!
Seema gupta,Alwar
*सोरठा छंद*
*सोरठा छंद*
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
बंदर
बंदर
अरशद रसूल बदायूंनी
अगले बरस जल्दी आना
अगले बरस जल्दी आना
Kavita Chouhan
*बादल*
*बादल*
Santosh kumar Miri
रोला छंद. . . . माँ
रोला छंद. . . . माँ
sushil sarna
अंतर्द्वंद्व
अंतर्द्वंद्व
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
राम के जैसा पावन हो, वो नाम एक भी नहीं सुना।
राम के जैसा पावन हो, वो नाम एक भी नहीं सुना।
सत्य कुमार प्रेमी
खालीपन
खालीपन
करन ''केसरा''
!!! नानी जी !!!
!!! नानी जी !!!
जगदीश लववंशी
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
Ravi Betulwala
ਕਿਸਾਨੀ ਸੰਘਰਸ਼
ਕਿਸਾਨੀ ਸੰਘਰਸ਼
Surinder blackpen
मेरी प्रतिभा
मेरी प्रतिभा
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
24/252. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/252. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*********आजादी की कीमत***********
*********आजादी की कीमत***********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*शिक्षक हमें पढ़ाता है*
*शिक्षक हमें पढ़ाता है*
Dushyant Kumar
कोई तो मेरा अपना होता
कोई तो मेरा अपना होता
Juhi Grover
सपना
सपना
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"वेरियर एल्विन"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...