Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Nov 2018 · 1 min read

न तेरा नाम जो लेते

%::::::::::::::::::गजल :::::::::::::::::%
” ” ‘शीर्षक – न तेरा नाम जो लेते’ ” ”

मचल उठते सितारे भी नहीं गर थाम जो लेते
न ले पाते ये सांसे भी न तेरा नाम जो लेते

मिरा जल्दी सही मरना नशा था जिंदगी जीना
खफा हमदम नहीं होते अगर आराम जो लेते

बड़ी इतनी सजा हमको मुकर्रर ही नहीं होती
जहीनो को फसाने का नहीं इल्जाम जो लेते

मुहब्बत में तुम्हें दोनों तरफ से चोट खानी थी
नहीं बदनाम तुम होते मिरा पैगाम जो लेते

वफा करना तुझे हरगिज सिखाना ही नहीं पड़ता
हमारे प्यार का तुम भी गुलाबी जाम जो लेते

बड़े मशहूर वो निकले जिन्हें मासूम समझा था
बहुत मगरूर लगते हैं मुहब्बत नाम जो लेते

रचनाकार-कवि योगेन्द्र योगी
मोबाइल नंबर – 7607551907

1 Like · 1 Comment · 492 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तेरा ज़िक्र
तेरा ज़िक्र
Sakhi
हर खुशी
हर खुशी
Dr fauzia Naseem shad
" सुबह की पहली किरण "
Rati Raj
ग़ज़ल _ दिल मचलता रहा है धड़कन से !
ग़ज़ल _ दिल मचलता रहा है धड़कन से !
Neelofar Khan
" प्रयास "
Dr. Kishan tandon kranti
मज़हब ही है सिखाता आपस में वैर रखना
मज़हब ही है सिखाता आपस में वैर रखना
Shekhar Chandra Mitra
बचपन और बुढ़ापे का सच हैं
बचपन और बुढ़ापे का सच हैं
Neeraj Kumar Agarwal
*
*"रोटी"*
Shashi kala vyas
मित्रों से अच्छा नहीं,
मित्रों से अच्छा नहीं,
sushil sarna
ट्रस्टीशिप-विचार / 1982/प्रतिक्रियाएं
ट्रस्टीशिप-विचार / 1982/प्रतिक्रियाएं
Ravi Prakash
अब इन सियासी बेवक़ूफों को कौन समझाए कि
अब इन सियासी बेवक़ूफों को कौन समझाए कि "कुश्ती" और "नूरा-कुश्
*प्रणय*
"सपनों की परवाज़" (The Flight of Dreams):
Dhananjay Kumar
"बूढ़े होने पर त्याग दिये जाते हैं ll
पूर्वार्थ
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
ज़िंदगानी
ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
इबारत जो उदासी ने लिखी है-संदीप ठाकुर
इबारत जो उदासी ने लिखी है-संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
Staring blankly at the empty chair,
Staring blankly at the empty chair,
Chaahat
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
क्षणिक तैर पाती थी कागज की नाव
क्षणिक तैर पाती थी कागज की नाव
Dhirendra Singh
सलाम
सलाम
अरशद रसूल बदायूंनी
वक्त
वक्त
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्या जनता दाग धोएगी?
क्या जनता दाग धोएगी?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
वंश चलाने वाला बेटा
वंश चलाने वाला बेटा
Shweta Soni
21) इल्तिजा
21) इल्तिजा
नेहा शर्मा 'नेह'
अगर कोई इच्छा हो राहें भी मिल जाती है।
अगर कोई इच्छा हो राहें भी मिल जाती है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तज़्किरे
तज़्किरे
Kalamkash
ऐ भगतसिंह तुम जिंदा हो हर एक के लहु में
ऐ भगतसिंह तुम जिंदा हो हर एक के लहु में
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मुबारक़ हो तुम्हें ये दिन सुहाना
मुबारक़ हो तुम्हें ये दिन सुहाना
Monika Arora
कलम सी है वो..
कलम सी है वो..
Akash RC Sharma
Loading...