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14 Oct 2018 · 2 min read

सेवा प्रदाता और सेवक के लिए सम्मान

सेवा प्रदाता और सेवक के लिए सम्मान
सेवा प्रदाता से अभिप्राय सेवा देने वाले उन सभी व्यक्तियों, विभागों एवं संस्थानों से है जो व्यक्तिगत हित,समाज हित एवं देश हित के लिए अपनी सेवाएं जन-जन तक पहुंचाते हैं। दूसरे शब्दों में सेवा प्रदाता किसी भी व्यक्ति, विभाग एवं संस्थान को कहा जा सकता है, जो समाज के किसी भी वर्ग में सेवाएं दे रहा हो। उदाहरण के तौर पर एक चिकित्सक सेवा प्रदाता है क्योंकि वह समाज को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है। इसी तरह बड़े-बड़े तकनीकी संस्थान, रक्षा सेवाएं, बैंक, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, पुलिस, शिक्षण संस्थाएं, खेलकूद संस्थान जिसमे सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थान सेवा प्रदाता की श्रेणी में आते हैं। सेवा प्रदाता को अपनी सेवाएं देते समय कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अत्यधिक जोर देने की आवश्यकता है:-
• सेवाओं की गुणवत्ता एवं शुद्धता में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
• प्रदाता सही एवं निर्धारित समय तक अपनी सेवाएं दूसरों को प्रदान करना सुनिश्चित करे।
• ग्राहक से सही व्यवहार एवं उसकी आत्म संतुष्टि का विशेष ध्यान रखा जाए।
• सेवक को समय पर उसकी सेवाओं के लिए पुरस्कार एवं सम्मान दिया जाए।
सेवा प्रदाता उपयुक्त बिंदुओं को ध्यान में रखकर अपने अधीन सेवारत कर्मचारियों या सेवकों को उनकी बेहतर सेवाओं के लिए भी प्रोत्साहित कर सकते हैं। आज सेवा प्रदान करने वाले सेवा प्रदाता को सेवक के लिए भी सम्मान रखना चाहिए। सेवक अपनी पूरी मेहनत एवम् लगन से सेवा प्रदाता के साथ जुड़ा रहता है। सेवक के लिए सेवा प्रदाता द्वारा दिए गए संसाधनों से अधिक उसके लगन, मेहनत एवम् भावनाओं का ज्यादा मूल्य होता है। अगर सेवा प्रदाता अपने संस्थान में ही सेवक की भावनाओं की कदर करता है और उसे उतना ही सम्मान एवं इज्जत देता है जितना वह स्वयं के परिवार एवं संबंधियों को दे, तो सेवक द्वारा एक बेहतर तालमेल के साथ अच्छी सेवाएं दी जा सकती हैं। सेवक का वास्तविक अभिप्राय सेवा प्रदाता के साथ सेवाएं देने वाले से है। वह एक बेहतरीन सेवा देने में मुख्य भूमिका निभाता है। अगर किसी संस्थान में सेवक को उसका पूर्ण सम्मान दिया जाए तो वह अपने ही से जुड़े लोगों की आवश्यकताएं और सेवा के उद्देश्य को ध्यान में रखकर कार्य करेगा।
मेरा मानना है कि सेवा प्रदाता और सेवक का परस्पर तालमेल एवं एक दूसरे के प्रति सम्मान ही निश्चित रुप से उससे संबंधित क्षेत्र, समाज व राष्ट्र विकास में सहायक होता है।

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