Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
21 May 2025 · 1 min read

हिंदी की लेखक

मुझसे मिलिये
मैं हिंदी की लेखक हूं
लोग पूछते हैं मुझसे
वो तो ठीक है,
पर आप करती क्या हैं ?
प्रकाशक कहता है,
अरे, किताब छाप दी,
बिक गई
पैसे किस बात के
लेखक का क्या है
वो तो गली गली में मिलते हैं
और पाठक गण
उन्हें क्या है
वो यह नहीं ,
तो वह सही से
काम चला लेंगे अपना
पर मैं जानना चाहती हूं
यदि न होते रामायण महाभारत
तो क्या तुम होते
वेद, पुराण, उपनिषद्
यदि नहीं साहित्य
तो क्या हैं
फिर क्यों
अपनी भाषा
और साहित्यकार
का कर रहे हो यूं निरादर
क्यों कर रहे हो
स्वयं को उपेक्षित
और भविष्य को
बंजर ?

शशि महाजन – लेखिका

Loading...