Only for L
तुमसे कितनी बातें करनी थी दिल की
उफ्फ ये हमारे बीच की दूरियां
ना जाने कब खत्म होगी
तुम मुझे छोड़ गई यहां
अपनी यादों की गलियों मैं
मैं जब भी देखता हुं कोई
दुकान , मोहल्ला मुझे तुम दिखाई देती हो
मेरे पर हंसते हुए,
मैं और मेरा ये मकान
जो कभी
तेरे आने पर घर हुआ करता था
अब आश लगाए रहता है
तुम आओगी भी या नहीं
ये चारपाई , बिस्तर
और मैं खुद भी तेरा स्पर्श ,और तेरी रूह
बालो की वो मेंहदी वाली गंध
क्यों नहीं भूल जाता तेरी
ये मेरा दिल
जानना चाहता है
तुम भी मुझे आज भी
वही प्यार करती हो
या मैं और मेरी रूह को तुम भूल गई हो
दूसरी दुनिया में जाने के बाद ।
उफ्फ मेरा तेरे लिए ये प्यार
कही ये आखरी रात
और तेरी यादों की आखरी सास
इस बिस्तर पर ना चली जाय ।