Posts Language: Hindi 1.3L posts List Grid Previous Page 2 Next लालबहादुर चौरसिया लाल 15 Jun 2024 · 12 min read (कहानी) "सेवाराम" लेखक -लालबहादुर चौरसिया लाल (कहानी ) *"सेवाराम"* लेखक- लालबहादुर चौरसिया 'लाल' मई माह की झुलसा देने वाली गर्मी चरम पर थी। सेवाराम की लाडली पौत्री स्नेहा की शादी बिल्कुल करीब थी। सेवाराम के माथे... Hindi 1 11 Share Surinder blackpen 15 Jun 2024 · 1 min read बदलाव जरूरी है जिंदगी में तय समय पर बदलाव जरूरी है। जैसे जीने के लिए ,मन में चाव जरूरी है। बेतहाशा प्यार चाहते हो ग़र जिंदगी में थोड़ा ब दर रिश्ते में, मनमुटाव... Hindi · कविता 1 15 Share Vijay kumar Pandey 15 Jun 2024 · 1 min read प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा' दारू-मदिरा से सुनो,कभी न बनते काम। धीरे -धीरे हे सखे,बिगड़े जाते नाम ।। बिगड़े जाते नाम, स्वास्थ्य गिरते ही जाते। घर समाज सब जगह, मुफ्त में हँसी उड़ाते ।। 'प्यासा'लत... Hindi · कुंडलिनी छंद 13 Share shabina. Naaz 15 Jun 2024 · 1 min read जब कोई हो पानी के बिन………. जब कोई हो पानी के बिन………. तो याद रखना कर्बला का वो सख्त दिन जिसमें प्यासे थे शहे आली इमाम और प्यासे थे सभी तिशना तमाम… ..ShabinaZ Hindi · कुण्डलिया 17 Share Dushyant Kumar 15 Jun 2024 · 3 min read *पीता और पिलाता है* पीता और पिलाता है, दिन भर मौज उड़ाता है। ऐसे उसके होते हाल, लहरा लेकर चलता चाल। नशे में रहता मस्त मलंग, बेच दिए सब खाट पलंग। बके गालियां घूसे... Hindi · कविता 1 18 Share Aditya Prakash 15 Jun 2024 · 1 min read गरीबी लोगों की कहानियों में आज भी है गरीबी | कवियों की छंदों में आज भी है गरीबी | गरीब कम नहीं..... कोई गरीब धन से है कोई गरीब मन से... Hindi · कविता · गरीबी · गरीबी और लाचारी · राजनीति · सरकार 1 23 Share Vijay kumar Pandey 15 Jun 2024 · 1 min read प्यासा के कुंडलियां (विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा') एक कुंडलियां छंद- जीवन जीना जानकर, समझ-बूझ के साथ। कदम-कदम हरि नाम का,पकड़े रहना हाथ।। पकड़े रहना हाथ, हरि नीज सांसों रखना । हर जीवों में व्याप्त, हरि रूप हरदम... Hindi · कुण्डलिया 14 Share Sudhir srivastava 15 Jun 2024 · 1 min read तृप्ति तृप्ति ही तो नहीं मिलती बस यही तो कमी है, तृप्ति मिल जाए तो हम खुद ही खुदा हो जाएं। थोड़ा और का लालच हमारा सुख चैन छीन बैठा है,... Hindi · कविता 13 Share Vijay kumar Pandey 15 Jun 2024 · 1 min read भारतीय रेल (Vijay Kumar Pandey 'pyasa' सुखदाई और प्यारा रेल। कभी ना देखा हारा रेल। रेल सफर आसान बनाती । समझें इसे देश की थाती। सोचें जहां आपको जाना । इसका काम वहां पहुंचना। रेल न... Hindi · कविता 14 Share Sudhir srivastava 15 Jun 2024 · 2 min read पहली मुलाकात आभासी संवाद का सिलसिला पहली मुलाकात तक आ पहुंचा।जब रितेश और करुणा पहली बार मिले थे। यूं तो दोनों के बीच दूर दूर तक कोई रिश्ता न था। बस एक... Hindi · लघु कथा 11 Share Sudhir srivastava 15 Jun 2024 · 3 min read रिश्तों का बंधन सत्य घटना पर आधारित लघुकथा - रिश्तों का बंधन *************** एक साहित्यिक आयोजन के आमंत्रण हेतु शुरु हुआ आभासी संवाद का सिलसिला आगे बढ़ते बढ़ते हुए उस समय रिश्तों के... Hindi · लघु कथा 12 Share Taj Mohammad 15 Jun 2024 · 1 min read एक पल को न सुकून है दिल को। मिलाकर नज़रें कमाल कर गए हो। क्या बताएं तुम मेरा कैसा हाल कर गए हो।। एक पल को न सुकून है दिल को। मेरे अन्दर तुम अपना यूं ख्याल भर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 18 Share Neeraj Agarwal 15 Jun 2024 · 3 min read शीर्षक - मेरा भाग्य और कुदरत के रंग शीर्षक - मेरा भाग्य और कुदरत के रंग. परमात्मा की खोज ************** हम सभी परमात्मा की खोज करते हैं और मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच कहते हैं... Hindi · कहानी 14 Share gurudeenverma198 15 Jun 2024 · 1 min read होगा कोई ऐसा पागल होगा कोई ऐसा पागल, जो तुमसे दिल लगायेगा। मोहब्बत तुमसे करके जो, बर्बादी अपनी करवायेगा।। होगा कोई ऐसा पागल----------------।। देख रहा हूँ मैं तुमको, साफ नहीं है दिल तेरा। मोहब्बत... Hindi · गीत 11 Share Dr fauzia Naseem shad 15 Jun 2024 · 1 min read तुम में एहसास तुम में एहसास ज़िंदा रह जाएं , दर्द से खुद को जोड़ कर रखिए । डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 1 13 Share Dr fauzia Naseem shad 15 Jun 2024 · 1 min read अब बस हमारे दिल में इस ज़िंदगी से हमको न अब शिकवा-मलाल है , अब बस हमारे दिल में तेरा फ़िक्र-ओ-ख़्याल है। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 1 14 Share Priyanshu Dixit 15 Jun 2024 · 1 min read वक्त लगेगा ये नया नया इश्क है तुमसे, खुद को ढालने में जरा वक्त लगेगा, करना तो चाहेंगे इजहार, मगर वक्त लगेगा, खोलना तो चाहूंगा अपने दिल के दरवाजे, मगर जरा वक्त... Hindi 1 13 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 15 Jun 2024 · 1 min read कुछ चोरों ने मिलकर के अब, कुछ चोरों ने मिलकर के अब, सभा बुलाई है। राजा को अब फेंक उखाड़ें, मिसल बनाई है।। ********************** पप्पू- गप्पू चोर लुटेरे, सब सॅग साथ हुए। चारा खाकर कुछ बंदों... Hindi · गीत 1 8 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 15 Jun 2024 · 1 min read नेता जी "गीतिका" विधा -गीतिका रस -व्यंग शीर्षक - #नेता जी # चोरी करके शर्म करें ना, करते खूब कमाई भी।। सच्चे नेता जी कहलाते, करते जोर ढिठाई भी।(१) तोल-मोल के शब्द नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 10 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 15 Jun 2024 · 1 min read कान्हा को समर्पित गीतिका "मोर पखा सर पर सजे" मोर पखा सर पर सजे,मुख मंडल है लाल। सबको आकर्षित करें, कृष्ण, यशोदा-लाल।।१ दिव्य सुशोभित गात है,गल बैज्यंती माल। मनमोहक सुंदर छटा,अद्भुत उनकी चाल।।२ मकराकृत कुण्डल पहन, शोभित हैं यदु... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 11 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 15 Jun 2024 · 1 min read चीं-चीं करती गौरैया को, फिर से हमें बुलाना है। छंद -लावणी चीं-चीं करती गौरैया को, फिर से हमें बुलाना है। रूॅठ गयी है चिड़िया रानी, हमको उसे मनाना है।। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ भोर हुई वो घर आ जाती । मन को... Hindi · गीत 9 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 15 Jun 2024 · 1 min read नहीं कोई धरम उनका मापनी-१२२२ १२२२ १२२२ १२२२ नहीं कोई धरम उनका ,नई गंगा बहाते हैं। महज इक काम है उनका ,सदा पब्लिक रिझाते हैं।।१ नजर उनकी है' वोटर पर, रखे ज्यों मीन पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 13 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 15 Jun 2024 · 1 min read स्वयं को संत कहते हैं,किया धन खूब संचित है। बने रहबर वो' दुनिया के स्वयं को संत कहते हैं,किया धन खूब संचित है। बने रहबर वो' दुनिया के, किया बस नाम अर्जित है। १ करें वादे नये नित ही, लुभाते आम जनता को, चुनावों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 11 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 15 Jun 2024 · 1 min read वृक्षारोपण कीजिए वृक्षारोपण कीजिए, करें काम इक नेक। करें नियंत्रित ताप को,गुण हैं बहुत अनेक।।१ पानी बरसे मेघ से,तरुवर देता आस। पेड़ों से छाया मिले,कम लगती है प्यास।।२ प्राण वायु मिलती सतत,जब... Hindi · दोहा 10 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 15 Jun 2024 · 1 min read बरगद एक लगाइए कुंडलिया छंद बरगद एक लगाइए, करिए उत्तम कर्म। सभी जीव तब हों सुखी, नित्य निभाएं धर्म।। नित्य निभाएं धर्म,नीम रोपित इक करके। जीवन हो उत्कृष्ट,जियें स्वांसों को भरके।। कहै अटल... Hindi 1 10 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 15 Jun 2024 · 1 min read कुरुक्षेत्र में कृष्ण -अर्जुन संवाद कुरुक्षेत्र में कृष्ण -अर्जुन संवाद छंद -लावणी देख सुसज्जित कौरव सेना,अर्जुन मन वैराग्य जगा। सम्मुख पाकर भीष्म पितामह,देख रहा वह ठगा-ठगा।। कृपाचार्य अरु द्रोण खड़े थे, और शैल्य थे मामा... Hindi 1 11 Share वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी 15 Jun 2024 · 1 min read #राम अभी लौटे नहीं 🙏 ● #राम अभी लौटे नहीं ● जिनके मस्तक सूने हैं निज भाषा अभिमान नहीं किस विधि राजा हुए श्रीराम ज्ञान नहीं और भान नहीं खानपान परिधान म्लेच्छ हुए न्यायविद... Hindi 6 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 15 Jun 2024 · 1 min read मल्हारी गीत "बरसी बदरी मेघा गरजे खुश हो गये किसान। रिमझिम रिमझिम मेघा बरसे, लौटी सजल बयार। सूखी कुम्हलाई बेला पर, छाने लगी बहार।। ******************** नजर उठाकर नभ में देखें, चातक मोर चकोर। सन-सन करती पवन मचाती, बेमतलब का शोर।... Hindi · गीत 1 11 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 15 Jun 2024 · 1 min read आस्था विश्वास पर ही, यह टिकी है दोस्ती। विधा -गीतिका छंद -गीतिका मापनी -२१२२ २१२२ २१२२ २१२ आस्था विश्वास पर ही, यह टिकी है दोस्ती। चाक के दो पाट में भी, यह फॅसी है दोस्ती।।१ कर्ण दुर्योधन बने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 10 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 15 Jun 2024 · 1 min read गीत "आती है अब उनको बदबू, माॅ बाबा के कमरे से" कैसा हुआ ज़माना देखो कतराते हैं मिलने से। आती है अब उनको बदबू, माॅ बाबा के कमरे से।। ********************** भूखे पेट स्वयं सोये पर, घी मखनी का दिया उन्हें। गीले... Hindi · गीत 1 10 Share कुमार 15 Jun 2024 · 1 min read गर्मी और नानी का आम का बाग़ गर्मी आई, छुट्टियों का पल, नानी के घर चलें, दिल में उमंगों का हलचल। नानी का बाग़, आमों की बहार, मीठे फलों से भरा, खुशियों का संसार। हरे-भरे पेड़ों की... Hindi 2 11 Share कुमार 15 Jun 2024 · 1 min read गर्मी और नानी का घर गर्मी आई, छुट्टी भी साथ, नानी के घर चलने की बात। बैग में भरें कपड़े और खिलौने, नानी के घर की यादें निराले। नानी के घर में मिठाई की खुशबू,... Hindi 1 9 Share कुमार 15 Jun 2024 · 1 min read गर्मी की छुट्टियों का होमवर्क गर्मी की छुट्टियों का होमवर्क गर्मी की छुट्टियाँ आई, खुशियों की सौगात लाई। पर होमवर्क का ढेर पड़ा है, क्या यही छुट्टी का मज़ा है? गणित की किताबें, सवालों की... Hindi 1 12 Share कुमार 15 Jun 2024 · 1 min read बच्चें और गर्मी के मज़े गर्मी के मज़े गर्मी आई, आकाश है नीला, सूरज चमके, हँसी का मेला। गर्म और खुश, चलो खेलें, गर्मी का मौसम हमेशा है खेलें! आइसक्रीम और नींबू पानी, पार्क में... Hindi · कविता · गीत 1 11 Share Mukesh Kumar Rishi Verma 15 Jun 2024 · 1 min read मुकेश हुए सम्मानित मुकेश हुए सम्मानित -------------------------- काठमांडू (नेपाल) । त्रिभुवन विश्वविद्यालय काठमांडू के विशाल सभागार में दो दिवसीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन गुरु विद्यापीठ, हरियाणा व महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी-उत्तर प्रदेश... Hindi 9 Share भरत कुमार सोलंकी 15 Jun 2024 · 1 min read पागल प्रेम नमन मंच विसय पागल प्रेम विधा मुक्तक दिनांक 15:6:2024 पगली आज तुझे किस बात का गुमान है। मन हमारा आज खाली है उड़ने को ना विमान है। आया आज मैं... Hindi · कुण्डलिया 13 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2024 · 1 min read गर तुम हो ये बारिशों की बूंदे ये मीठी से चुभन ये सरसरी हवाएं ढाह रही जुल्म देखते ही तुमको प्यार हो गया मेरा मुझसे से राफ्ता हो गया क्या कहूं मैं तुमसे... Hindi · कविता 22 Share *प्रणय प्रभात* 15 Jun 2024 · 4 min read ■ कथ्य के साथ कविता (इससे अच्छा क्या) #आतमकथ्य- ■ सच कहूँ तो...! 【प्रणय प्रभात】 यह कविता मेरे अंतर्मन से 2022 में स्वतः प्रस्फुटित हुई। महीना था प्रचंड गर्मी के प्रतीक जून का। दौर था कोविड नामक वैश्विक... Hindi · Hindisahitya · Sahityapedia · प्रणय की कविता 1 16 Share आर.एस. 'प्रीतम' 15 Jun 2024 · 1 min read गीत- न ज़िल्लत कर किसी की तू... न ज़िल्लत कर किसी की तू मुहब्बत कर हिफाज़त कर। तेरी रब से बने पहचान सभी से बस शराफ़त कर।। हुनर का फल सदा मिलता नहीं छिपता छिपाने से। हमेशा... Hindi 1 9 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Jun 2024 · 1 min read भरम आलम -ए - तन्हाई है , फिर ये जुस्तुजू किसकी है , जो बहार अब तक ना आई , फिर गुलों में ये खुशबू किसकी है , हर सम्त तीरगी... Hindi · कविता 1 17 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 15 Jun 2024 · 1 min read नहीं मैं -गजल ग़ज़ल: गीत कोई नया गाता नहीं मैं। शेर कोई नया सुनाता नहीं मैं ! होंठों पे खामोशी की जमी हुई पर्त, बिना मतलब के हटाता नहीं में | दिल धड़कता... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 16 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 15 Jun 2024 · 1 min read तुम हो कौन ? समझ इसे तुम हो कौन ? समझ इसे 🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵 मानव तन अनमोल हो तू स्वस्थ्य गात मानष मन हो अमूल्य जीव सरताज हो तू ज्ञानी बालक का पहचान हो दुनियादारी ज्ञान अर्जन... Hindi · कविता 20 Share Shashi Mahajan 15 Jun 2024 · 1 min read जीवन का मूल्य जीवन का मूल्य रे मन तुझे सूर्य बनना है तो बन जो ज़िंदा है अपने ही दम से जिसके जीवन से पृथ्वी पर जीवन है जिसके प्रकाश से चाँद प्रकाशित... Hindi · Https://youtu.be/bkYbor1YOJA?s · कविता 19 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Jun 2024 · 1 min read 'आरक्षितयुग' आरक्षितयुग ___________ सुन जनता,ज्ञान जरूरी नहीं; ये बात, निज विधान ने कही। जाति- धर्म, ज्ञान पर है भारी; विद्वान, अज्ञानी का आभारी। ज्ञानी पे , राज करता अज्ञानी; योग्यता शर्म... Hindi · कविता 1 59 Share Anand Kumar 14 Jun 2024 · 1 min read प्रेम करने आता है तो, प्रेम समझने आना भी चाहिए प्रेम के लिए, दिल का बड़ा होना, ही जरुरी नहीं होता, प्रेम के लिए, हृदय का बड़ा होना भी, जरुरी है। प्रेम, करने आता है तो, प्रेम, समझने आना भी... Hindi · कविता 1 1 88 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2024 · 1 min read झुलस धरती झुलस रही अब आओ , हे मेघा अब तो जल बरसाओ अब तो दया करो हे अम्बर , काली घटा से नीर ले आओ सुख गये हैं तालब बाबड़ी,... Hindi · कविता 14 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 14 Jun 2024 · 2 min read मैं हूँ कौन ? मुझे बता दो🙏 मैं हूँ कौन ? मुझे बता दो 🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵 मेरी मुझसे पहचान करा दो मैं हूँ कौन यहाँ मुझे बता दो मानव तन का मोल बता दो स्वस्थ्य गात मन मानष... Hindi · कविता 19 Share Ravi Prakash 14 Jun 2024 · 5 min read *पुस्तक समीक्षा* *पुस्तक समीक्षा* पुस्तक का नाम: अक्षर विरासत *लेखक: हरिशंकर शर्मा* प्लॉट नंबर 213, 10 वीं स्कीम, गोपालपुरा बाईपास, निकट शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, जयपुर 302018 राजस्थान मोबाइल 9461046594 एवं 889... Hindi · पुस्तक समीक्षा 15 Share भरत कुमार सोलंकी 14 Jun 2024 · 1 min read कुछ ना लाया . नमन मंच बेजुबान ख्वाइश विषय मन के सिवा कुछ ना लाया विधा मुक्तक दिनांक. १४:६:२०२४ लिखी गजल पर तेरा नाम ,मेरी कलम से चढ़ ना पाया । उठा बवाल... Hindi · कुण्डलिया 1 11 Share Suryakant Dwivedi 14 Jun 2024 · 1 min read कटु दोहे कटु दोहे 1 करते हैं खुद फैसले, ये ‘बच्चे’ नादान। आहत मन किससे कहे, तात-मात महमान।। 2 राज़ी जब बीवी मियां क़ाज़ी का क्या काम। मंदिर, वेदी, शादियां, सपने सभी... Hindi · दोहा 14 Share Previous Page 2 Next