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12 Feb 2017 · 1 min read

II….बिन तेरे….II

हम भी अपनी सी कहेंगे देखना l
लोग अपनी भी सुनेंगे देखना ll

दीप बाती और गुल खुशबू बिना l
बिन तेरे हम ना रहेंगे देखना ll

हार जाएगा तिमिर मालूम मुझे l
दीप हर घर में जलेंगे देखना ll

हर गली में रोशनी होगी यहां l
चांद सूरज भी छिपेगे देखना ll

लेकर आई है हवा खुश्बू तेरी l
कल उससे भी हम मिलेंगे देखना ll

संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश l

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