Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Dec 2024 · 1 min read

I think about decisions in three ways: hats, haircuts, and t

I think about decisions in three ways: hats, haircuts, and tattoos.

Most decisions are like hats. Try one and if you don’t like it, put it back and try another. The cost of a mistake is low, so move quickly and try a bunch of hats.

Some decisions are like haircuts. You can fix a bad one, but it won’t be quick and you might feel foolish for awhile. That said, don’t be scared of a bad haircut. Trying something new is usually a risk worth taking. If it doesn’t work out, by this time next year you will have moved on and so will everyone else.

A few decisions are like tattoos. Once you make them, you have to live with them. Some mistakes are irreversible. Maybe you’ll move on for a moment, but then you’ll glance in the mirror and be reminded of that choice all over again. Even years later, the decision leaves a mark. When you’re dealing with an irreversible choice, move slowly and think carefully.

12 Views

You may also like these posts

" बदलाव "
Dr. Kishan tandon kranti
सफ़र ए जिंदगी
सफ़र ए जिंदगी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
इंजी. संजय श्रीवास्तव
■ कोई तो बताओ यार...?
■ कोई तो बताओ यार...?
*प्रणय*
अब गुज़ारा नहीं
अब गुज़ारा नहीं
Dr fauzia Naseem shad
कोशी मे लहर
कोशी मे लहर
श्रीहर्ष आचार्य
Love Is The Reason Behind.
Love Is The Reason Behind.
Manisha Manjari
मेरी पावन मधुशाला
मेरी पावन मधुशाला
Rambali Mishra
ए अजनबी तूने मुझे क्या से क्या बना दिया
ए अजनबी तूने मुझे क्या से क्या बना दिया
Jyoti Roshni
--बेजुबान का दर्द --
--बेजुबान का दर्द --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
सिर्फ काबिल बनने से घर चलते है
सिर्फ काबिल बनने से घर चलते है
पूर्वार्थ
सामाजिक न्याय
सामाजिक न्याय
Shekhar Chandra Mitra
बस यूं बहक जाते हैं तुझे हर-सम्त देखकर,
बस यूं बहक जाते हैं तुझे हर-सम्त देखकर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भाव गान
भाव गान
Deepesh Dwivedi
अपनी इच्छाओं में उलझा हुआ मनुष्य ही गरीब होता है, गरीब धोखा
अपनी इच्छाओं में उलझा हुआ मनुष्य ही गरीब होता है, गरीब धोखा
Sanjay ' शून्य'
भोर पुरानी हो गई
भोर पुरानी हो गई
आर एस आघात
देखो आसमान जमीन पर मिल रहा है,
देखो आसमान जमीन पर मिल रहा है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बीते कल की क्या कहें,
बीते कल की क्या कहें,
sushil sarna
सम्मस्या और समाधान
सम्मस्या और समाधान
Ram Krishan Rastogi
घर घर ऐसे दीप जले
घर घर ऐसे दीप जले
gurudeenverma198
4600.*पूर्णिका*
4600.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आकाशवाणी: अंतरिक्षवाणी
आकाशवाणी: अंतरिक्षवाणी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
अंतस किवाड़ ऊगडै, गुरु मुख सुणया ग्यांन।
अंतस किवाड़ ऊगडै, गुरु मुख सुणया ग्यांन।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
"मेरी आज की परिकल्पना "
DrLakshman Jha Parimal
कविता
कविता
Sonu sugandh
करवाचौथ
करवाचौथ
Surinder blackpen
हमारा चंद्रयान
हमारा चंद्रयान
अरशद रसूल बदायूंनी
*मिलती है नवनिधि कभी, मिलती रोटी-दाल (कुंडलिया)*
*मिलती है नवनिधि कभी, मिलती रोटी-दाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सूरज दादा ने ठानी है, अपना ताप बढ़ाएंगे
सूरज दादा ने ठानी है, अपना ताप बढ़ाएंगे
Dr Archana Gupta
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
Ajay Mishra
Loading...