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25 Nov 2021 · 1 min read

यह रोने की बात नहीं है (भक्ति-गीत)

यह रोने की बात नहीं है (भक्ति-गीत)
=========================
यह रोने की बात नहीं है मरना नियम पुराना
(1)
तन में बचपन और जवानी, बूढ़ापन है आता
चेहरा झुर्रीदार शिथिल, पैरों से चला न
जाता
इस शरीर का अंत यही है इसको मुरझा
जाना
यह रोने की बात नहीं है मरना नियम पुराना
(2)
लोग जन्म लेते फिर मरते थोड़े दिनों ठहरते
रंगमंच रूपी दुनिया में अपना अभिनय करते
उसके बाद पता कब किसका कोई नहीं
ठिकाना
यह रोने की बात नहीं है मरना नियम पुराना
(3)
यूँ तो तन को बरस मिले सौ, पल की खबर
नहीं है
छिपा काल पर्दे के पीछे ,शायद यहीं कहीं है
भस्म चिता की, किसी नदी में खोए लिए
बहाना
यह रोने की बात बात नहीं है मरना नियम
पुराना
********************************
रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर

1 Comment · 197 Views
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