Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Nov 2021 · 2 min read

जमीदार की कहानी

ग्राम राजा के ताल में एक जमीदार था यदि किसी की डोली रास्ते से जाती थी तो बह डोली को लूट लेता था और अपने साथ लूटा हुआ समान घर पर ले आता था एक दिन ग्राम धीरपुरा की डोली हिरनगाँव रास्ते से जा रही थी तो उस जालिम जमीदार द्वारा डोली को लूट लिया और लुटी हुई डोली के घरवाले जब रास्ते में आ रहे थे तब रास्ते में उनको पंडित तेजसिंह तिवारी के दो पुत्र मिले और उन्होंने अपने साथ हुई घटना का पूरा वृत्तांत उनको बताया घर आकर उन्होंने इस घटना का जिक्र अपने पिता एवं बड़े भाई पंडित खुशालीराम तिवारी से किया यह सुनकर पिता एवं पुत्रों का खून खौल गया उन्होंने जमीदार को सबक सिखाने के लिए एक योजना बनाई और दोनों भाई उमराव सिंह एवं देवीराम एक दिन रास्ते में घात लगाकर बैठ गये जमीदार को अपनी तरफ आता देख कंबल ओढ़ कर खड़े हो गए जैसे ही जमीदार अपने घोड़े से उतरकर उनके पास आया और उसने पूछा कि आप यहां पर क्यों बैठे हैं वह शांत रहे और कुछ नहीं बोले थोड़ी देर बाद अचानक जमीदार से दोनों भाइयों ने कहा कि आपके पैर के नीचे सांप है जैसे ही जमीदार पैर के नीचे सर्प समझ कर नीचे झुका तभी दोनों भाइयों ने जमीदार पर कटारी से आक्रमण कर दिया और जमीदार का कत्ल कर दिया सजा के डर से दोनों भाई कत्ल कर कलकत्ता चले गए और अपनी पहचान छुपा कर वहां रहने लगे वहीं पर दोनों भाइयों की मृत्यु हो गई और वह दुवारा लौट कर अपने ग्राम वापस नहीं आ सके

924 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम्हारी आँखें...।
तुम्हारी आँखें...।
Awadhesh Kumar Singh
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
Rj Anand Prajapati
*गुरु जी की मक्खनबाजी (हास्य व्यंग्य)*
*गुरु जी की मक्खनबाजी (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
■ पूछती है दुनिया ..!!
■ पूछती है दुनिया ..!!
*Author प्रणय प्रभात*
मुस्कुराना सीख लिया !|
मुस्कुराना सीख लिया !|
पूर्वार्थ
आंखें
आंखें
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
तन के लोभी सब यहाँ, मन का मिला न मीत ।
तन के लोभी सब यहाँ, मन का मिला न मीत ।
sushil sarna
तुम जख्म देती हो; हम मरहम लगाते हैं
तुम जख्म देती हो; हम मरहम लगाते हैं
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
हमसाया
हमसाया
Manisha Manjari
फिर भी करना है संघर्ष !
फिर भी करना है संघर्ष !
जगदीश लववंशी
लोग गर्व से कहते हैं मै मर्द का बच्चा हूँ
लोग गर्व से कहते हैं मै मर्द का बच्चा हूँ
शेखर सिंह
परित्यक्ता
परित्यक्ता
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मर्दुम-बेज़ारी
मर्दुम-बेज़ारी
Shyam Sundar Subramanian
3114.*पूर्णिका*
3114.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Tarun Singh Pawar
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀 *वार्णिक छंद।*
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀 *वार्णिक छंद।*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खुद से खुद को
खुद से खुद को
Dr fauzia Naseem shad
💐अज्ञात के प्रति-134💐
💐अज्ञात के प्रति-134💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
* मन में कोई बात न रखना *
* मन में कोई बात न रखना *
surenderpal vaidya
इंसान दुनिया जमाने से भले झूठ कहे
इंसान दुनिया जमाने से भले झूठ कहे
ruby kumari
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
जीवन डगर पहचान चलना वटोही
जीवन डगर पहचान चलना वटोही
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मैं उसका ही आईना था जहाँ मोहब्बत वो मेरी थी,तो अंदाजा उसे कह
मैं उसका ही आईना था जहाँ मोहब्बत वो मेरी थी,तो अंदाजा उसे कह
AmanTv Editor In Chief
है नारी तुम महान , त्याग की तुम मूरत
है नारी तुम महान , त्याग की तुम मूरत
श्याम सिंह बिष्ट
फ़ितरत
फ़ितरत
Kavita Chouhan
बुक समीक्षा
बुक समीक्षा
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
अछय तृतीया
अछय तृतीया
Bodhisatva kastooriya
पापा की परी
पापा की परी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
#देकर_दगा_सभी_को_नित_खा_रहे_मलाई......!!
#देकर_दगा_सभी_को_नित_खा_रहे_मलाई......!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Loading...