ओलम्पियन्स नीरज चोपड़ा
मेरा आज देखकर, मैं नही बदला ।
मेरा कल मुझे, ज़मीन पर रखेगा ।।
ये खुशी और चमक चेहरे की नही, है आज की
मेरे कल के पसीना का, मेरा आज सम्मान करेगा ।।
बदल गयी है फिजायें और शोर है बिखरा हवाओ में,
मेरा कल अकेला था, आने वाला कल मुझे खामोश रखेगा।।
ये जश्न ये जलसा सब जीत का है मेरे दोस्त ।
जो हार गया, जमाना उसे क्यो याद रखेगा..?
ये दुनिया है उजाले में देखने बालों की
अंधेरे की शिशकियों को कौन सुनेगा..!!
पसीना, आँसू और सुमशान रातें साथ है सबके,
जिसका दिन है, वस उसी का दिन आज यादगार बनेगा।।