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1 Feb 2022 · 1 min read

Har jiven ek gaatha ka roop naya dikhlata hai

Har jiven ek gatha ka roop naya dikhlata hai,Har mausam ek ujyaare ki tarah mahakta jata hai! Ek na ek din sabhi ko ek jaaga hua lakshay jagata hai..Majil ke raste par yah lakshay hi le jata hai!…
Har jiven main ek sukh ka din or ek dukh ka din bhi aata hai..
Jo in par vijay paaya vahi sukhi vayakti kahlata hai,
Har jiven ek gaatha ka roop naya dikhlata hai!
Suraj ki kirane jab padati hai vah naye sapne ko jagrit karti hai,lahar ki bhati jiven main mithas bhar deti hai,sapno ko poora karne main yah madad hamari karti hai..
Har vaykati ko yah chu jata jab yah ujiyaara lata hai,Har jiven ek gaatha ka roop naya dikhlata hai Har mausam ek ujyaare ki tarah mahakta jata h…!

Language: Hindi
1 Comment · 169 Views
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