Gazal
राय उसकी भी जान लेता हूं ।
बात दिल की भी मान लेता हूं।
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मिलने आए किसी बहाने से।
उसका भी इम्तिहान लेता हूं।
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मुझको न छोड़ कर तू जाएगा।
फिर से यह बात मान लेता हूं।
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तेरा दीदार कर सकूं मैं भी।
तेरी गली में मकान लेता हूं।
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सगीर कितनी है दिल में खामोशी।
खुद से खुद का बयान लेता हूं।
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डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाजार बहराइच