Gazal
?? ग़ज़ल ??
दिल जिस ने चुराया है वह होशियार तो होगा।
जब चोट लगेगी तो दिल बेदार तो होगा ।
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तू मेरी अमानत है तू ही मेरी ख्वाहिश।
मौत से पहले कभी दीदार तो होगा।
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हमदर्द सभी तेरे लगते हैं यह दीवाने।
अनार चाहता है जो बीमार तो होगा ।
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शाखें भी लचक जाती है अकसर ही फल पाकर ।
फल पाने तक मंजिल मगर दुश्वार तो होगा।
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तेरे हुस्न का गम्माज तेरी प्यारी सी आंखें।
तुझ पे हैं जा निसार तो दिलदार तो होगा।
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कुछ होगी जराफत सगीर उनके दिलों में।
नफरत का जो महल है वह मिसमार तो होगा।
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डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाजार बहराइच यूपी