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18 Dec 2021 · 2 min read

G

जाने क्यों लोग सब अरमान जला देते हैं ।
इश्क में हम तो दिलों जान लुटा देते हैं।
جانے کیوں لوگ سب ارمان جلا دیتے ہیں
عشق میں ہم تو دل و جان لوٹا دیتے ہیں۔

शान वाले हैं जो करते हैं तेरा शुक्र अदा ।
हम इबादत में तेरे सर को झुका देते हैं।
شان والے ہیں جو کرتے ہیں تیرا شکر ادا۔
ہم عبادت میں تیرے سر کو جھکا دیتے ہیں۔

हमको मतलब नहीं कमज़र्फी से आलाज़र्फी से ।
जो वफ़ा करते हैं हमसे हम वफ़ा देते हैं ।
ہم کو مطلب نہیں کم ظرفی سے اعلی ظرفی سے۔
جو وفا کرتے ہیں ہم سے ہم وفا کرتے ہیں۔

हमको लगते हैं जमाने में वह फरिश्ता सिफ़त।
रोती आंखें जो तबस्सुम से हंसा देते हैं।

ہم کو لگتے ہیں زمانے میں وہ فرشتہ صفت۔
روتی آنکھیں جو تبسم سے ہنسا دیتے ہیں۔

जब निकलते हैं गली से मेरे सज धज कर वो।
जिस्म और जान में वो आग लगा देते हैं।

جب نکلتے ہیں گلی سے میرے سج دھج کر وہ۔
جسم اور جان میں وہ آگ لگا دیتے ہیں۔

इतनी दीवानगी है अपने मुल्क के खातिर ।
वतन की आन पर खूं अपना बहा देते हैं।

اتنی دیوانگی ہے اپنے ملک کی خاطر۔
وطن کی آن پر خوں اپنا بہا دیتے ہیں۔

यह मेरा दिल है खिलौना नहीं जागीर नहीं ।
हम जिसे चाहते हैं उसको जगह देते हैं।
یہ میرا دل ہے کھلونا نہیں جاگیر نہیں۔
ہم جسے چاہتے ہیں اس کو جگہ دیتے ہیں۔

अपनी मिट्टी से हमें इतनी मोहब्बत है सगीर ।
मुल्को मिल्लत के लिए जान गवां देते हैं।

اپنی مٹی سے ہمیں اتنی محبت ہے صغیر۔
ملک و ملت کے لیے جان گنوا دیتے ہیں

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