Posts Poetry Writing Challenge-3 250 authors · 5361 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 23 Next Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read वीर अभिमन्यु– कविता। सौ बार धन्य वह रण भूमि, जिस पर वह लड़ा काल जैसा। सौ बार धन्य वह माता, जिसने जना लाल अभिमन्यु सा। तेरहवें दिन का युद्ध रहा, वह कुरुक्षेत्र की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 87 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read शेर शहर की बस्तियों में घोर सन्नाटा होता है, सफर में अक्सर इंसान अकेला होता है, मंजिल की चाह में रुकसत हो जाता है अपने घर से, अंधेरी रात में मगर... Poetry Writing Challenge-3 · शेर 76 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read प्रश्न मुझसे किसलिए? नित नए नियमों को लेकर खुद को रोकूं इसलिए, फिर हिमालय लांघने का प्रश्न मुझसे किसलिए? पैर में जंजीर मोटी मुंह सरीखा शांत नदिया, हास्य पर प्रतिबंध मानो शशि तिमिर... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 74 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read हर पीड़ा को सहकर भी लड़के हँसकर रह लेते हैं। हर पीड़ा को सहकर भी, लड़के हँसकर रह लेते हैं। एक हँसी चेहरे के पीछे, लाखों गम सह लेते हैं।। संघर्षों की एक कहानी, संग–संग चलती जाती है, कुछ गीतों... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 62 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read श्रंगार लिखा ना जाता है– शहीदों के प्रति संवेदना। मैं लिख दूं गीत अभी यौवन के, शब्दों से श्रंगार रचूं। कलियां, भंवरे, पायल, कुमकुम, मैं काजल क्या क्या और लिखूं? पर जब–जब चीख करुण सुनता हूं, आहत मन अकुलाता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 90 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 2 min read श्री राम का जीवन– संवेदना गीत। काश के श्री राम के नयनों में भी कुछ नीर होता, काश कि दुनिया उन्हें भी, कुछ समय तो समझ पाती। काश कैकई क्रूर ना होती जो कुछ पल के... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 74 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर– राम गीत। यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर, यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर, भाग्य रेखा को ऐसा बनाना पड़ा। त्याग करके परम धाम बैकुंठ को, रूप धरकर के धरती... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 52 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read बेटियों का जीवन_एक समर– गीत। है समर एक जीवन सभी के लिए, लड़ता वो है जिसे हार भाती नहीं। एक समर में खड़ी बेटियां भी रहीं, हर समय जूझतीं जो समय से रहीं। थीं जो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 80 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read दहेज एक समस्या– गीत। कि सुनकर धड़कन रुक जाती है, धरती भी हिलने लगती। चंद रुपए गाड़ी की खातिर, जब पगड़ी धूमिल होने लगती। गिरवी था घर बार सभी,अब इज्जत भी गिरवी रख दी,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 55 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 2 min read सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं। सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।। भूख एक नहीं होती है ये तो सौ–सौ होती है, कुछ भूखों को आज यहां मैं भी बतलाने आया हूं। सत्ता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 44 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read प्रकृति का दर्द– गहरी संवेदना। मैंने तुमको पला पोसा पर तुमने क्या मोल दिया है एक स्वार्थ कि खातिर हरे भरे जीवन को तौल दिया है। मैं तुमको भोजन देता हूं, पानी भी मुझसे आता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 62 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read गोपियों का विरह– प्रेम गीत। प्रेम में, प्रेम में, प्रेम में, प्रेम में, गोपियों की कहानी रही प्रेम में। राधिका का विरह भी रहा प्रेम में, अश्रु आकर के बहना रहा प्रेम में, मीरा गीतों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 82 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read वो पिता है साहब , वो आंसू पीके रोता है। पूरी बरसात निकाल दी, बिना छतरी के उसने, सौ रूपए बचाकर बेटे को चप्पल खरीद लाता है। और पूरे बीस रूपए बचाता है रिक्शा न लेकर, बेटी को चूड़ियां दिलाऊंगा,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 56 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read गरीब की दिवाली। बच्चों ने मुझसे आज न पटाखे मांगे हैं, न ही कहा पिता जी मिठाई तो लाओगे। रोटी की भूख मन ही मन में झेल रहे थे, न खुश से एक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 82 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे? लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे? कब तलक ये धर्म के झगड़े कराओगे? भक्ति हो मन में राम तो फिर कुछ ना चाहेंगे, कब तलक ये लाखों दियाली जलाओगे?... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 47 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 1 min read गुरु...! गूगल दोनों खड़े, काके लागूं पाय....! " आधुनिकता में कुछ भ्रम हुआ... गुरु गूगल दोनों खड़े काके लागूं पाय...! आधुनिकता की सोच बन गई है... गूगल इंजन को सर्च करो तो , सब कुछ इसमेें मिल... Poetry Writing Challenge-3 1 80 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read सैनिक का खत– एक गहरी संवेदना। अब बर्ष नया फिर आया है, दिन आज बहुत ही अच्छा है। पर तुम न हो तो क्या मतलब, ये देश तुम्हारा अच्छा है। खत लिए हाथ में वो सैनिक,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 53 Share Ruchika Rai 26 May 2024 · 1 min read रिश्ते कभी कभी मैं सोचती हूँ और सोचती रह जाती हूँ। क्यों रिश्तों की दीवारें इतनी कमजोर होती की कोई आकर उनमें सेंधमारी कर जाता। क्यों छोटी छोटी बातों का मसला... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 82 Share Juhi Grover 26 May 2024 · 1 min read भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार,भ्रष्टाचार,भ्रष्टाचार, आखिर क्या है ये भ्रष्टाचार, जानते ही नहीं हैं हम, और, बिना जाने कैंसे हो उपचार। हम भी करते हैं भ्रष्टाचार, तुम भी करते हो भ्रष्टाचार, अब यही है... Poetry Writing Challenge-3 · उपचार · कविता · भविष्य · भ्रष्टाचार · व्यवहार 108 Share Mansi Kadam 26 May 2024 · 1 min read पाठशाला कि यादें पाठशाला के वो दिन बडे़ सुहाने होते हैं, जिन्हें याद करके अब आँख में आसु भर आते हैं..... जिंदगी के सफर में नये दोस्त तो बहोत मिलते हैं, लेकीन पाठशाला... Poetry Writing Challenge-3 53 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 3 min read चौराहे पर....! " युवा मन अकेला था, चौराहे पर खड़ा... जाना है पर ..किधर , यही सोच में पड़ा था...! भीड़ की तादाद बहुत बड़ी थी, किससे पूछूं मैं राह सही... यही... Poetry Writing Challenge-3 1 113 Share Adha Deshwal 26 May 2024 · 1 min read घमंड किस घमंड में चूर हो तुम, इतने क्यों दूर हो तुम , घमंड तो हम मै भी है, बस तुम शोर मचाते हो, और हम होश में आते हैं, जो... Poetry Writing Challenge-3 · Attitude · Hear The Voice Of Your Dream · Point Of View · Reality · Reality Bites 5 109 Share Dr.Priya Soni Khare 26 May 2024 · 1 min read पहचान तुम मुझे मेरे नाम से जानते हो मेरी ऊर्जा को कहां पहचानते हो ठोकरें ,रुकावटें कांटे सब मंजिल तक पहुंचाते हैं पर तुम हो कि रास्तों को ही मंजिल मानते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 131 Share surenderpal vaidya 26 May 2024 · 1 min read रूप यौवन गीतिका ~~ रूप यौवन चार दिन का मत करो अभिमान। व्यर्थ ही करना नहीं हम को स्वयं गुणगान। फूल खिलता खूबसूरत खूब महके छोर। और करते हैं सभी सौंदर्य का... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · रूपमाला छंद 2 88 Share Adha Deshwal 26 May 2024 · 1 min read मैं तेरी हो गयी जिसने इतने दुःख झेले हैं , इतना गम गहरा है, जिसकी बंसी छूट गई , जिसकी राधा जी दूर हो गईं, द्वारिका भी डूब गयी, और सारे अपने रूठ गए,... Poetry Writing Challenge-3 · Faith · Kanha · Love Poetry · Radhakrishn · Self Analysis And Realisation 4 171 Share Deepesh Dwivedi 26 May 2024 · 1 min read सिला खुशी की चाह में गम को गले लगाते रहे कोई दुश्मन ना रहा दोस्त यूं बनाते रहे अजब सिला ‘चिराग’ सादगी का हमको मिला वफा निभाते रहे हम, वो आजमाते... Poetry Writing Challenge-3 1 60 Share Deepesh Dwivedi 26 May 2024 · 1 min read प्रसव जब सतरंगी सपना कोई अक्सर मन को छल जाता है जब शहनाई के मधुर स्वरों में कोई मुझे बुलाता है जब दर्द पराया अपना बंद अंतर्मन को मथ देता है... Poetry Writing Challenge-3 1 79 Share Deepesh Dwivedi 26 May 2024 · 1 min read अपना लिया बांसुरी बजे उठी तुमने क्या गा दिया मानो अमृत घटाओं ने बरसा दिया गुनगुनाते अधर मुस्कुराते नयन मन की वीणा को सहसा ही सरसा दिया जब उठाए नयन झांकियां सज... Poetry Writing Challenge-3 1 60 Share Ragini Kumari 26 May 2024 · 1 min read तजुर्बा कभी-कभी लगता है जिंदगी चल नहीं रही है घिसट रही है वह भी मजबूरी के साथ ,ढोना पड़ता है जिंदगी को बहुत कष्ट होती है ऐसी जिंदगी से एक-एक पल... Poetry Writing Challenge-3 92 Share Deepesh Dwivedi 26 May 2024 · 1 min read तुम्हारा हो मै जर्जर नौका का नाविक और तुम ही मेरा किनारा हो वह कौन अभागा होगा जो सचमुच न हुआ तुम्हारा हो कृशकाय हुआ है तन तो क्या काया तो नश्वर... Poetry Writing Challenge-3 1 63 Share Deepesh Dwivedi 26 May 2024 · 1 min read सहगामिनी तुम यदि जीवन मे न मिलते अश्रु दृगों से कभी न ढलते हाँ तुमने मुस्कान मुझे दी लेकिन रोना भी सिखलाया मैं तो कभी न हुआ किसी का सबका होना... Poetry Writing Challenge-3 80 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read गांव प्यारा भूलता ही नहीं गाँव प्यारा। और सुंदर नदी का किनारा।। याद आती सदा भोर सन्ध्या। वो मधुर प्रात का भानु न्यारा।। वो सुनहरे सजे खेत सारे । भोर में चमकता... Poetry Writing Challenge-3 54 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read देश अभी एक युग नव जगेगा । तभी भेद मन का मिटेगा ।। रहें लोग मिलकर सभी अब। यही भाव दिल से उठेगा ।। यही भाव दिल में उठे की ।... Poetry Writing Challenge-3 85 Share Ragini Kumari 26 May 2024 · 1 min read कुछ और कब चलना है? कब रुकना है? कहां जाना है? मंजिल कौन सी है? अगर यह जान जाते तो कुछ और बात होती..... कुछ समय में रफ्तार थी थोड़ा मुझमें भी... Poetry Writing Challenge-3 123 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read मानवता हमें आपस में मिलकर रहना है। नहीं बेकार में ही हमें दहना है। जिंदगी चार दिन मिली हमको इसको यूँ बेकार नहीं करना है। हम सभी एक हैं बस इसे... Poetry Writing Challenge-3 57 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read हार नहीं जाना चल भूल चलें सारी जो बात सताती है। अब बात करे वह जो उल्लास जगाती है।। मन हार नहीं जाना यह भाव रहे मन में । जब जीत मिले उसको... Poetry Writing Challenge-3 55 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read भाग्य कभी तो भाग्य अपना भी जगेगा। तभी सत्कर्म भी सारा फलेगा ।। किया हमने कभी उपकार जिन पर । वही फिर याद सब बनकर जगेगा ।। नहीं समझा कहा अपना... Poetry Writing Challenge-3 143 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read चाहत जिसे प्रेम माना मिले चाहती है। नहीं अब विकलता चले चाहती है।। कहे अब नहीं हो कहीं भी अँधेरा । मिले अब उजाला गले चाहती है ।। सभी मन बहे... Poetry Writing Challenge-3 50 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read गीत गीत को एक नित सजाती है। ताल को ताल से मिलाती है।। देख ले आज सुर सधे सब हैं। बात यह मीत को सुनाती है।। याद वो आज देख कल... Poetry Writing Challenge-3 72 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read मां शारदे! 1-माँ शारदे जोड़कर कर करें सभी पूजन शारदे माँ करे कृपा जग पर।। ज्ञान दो मात शारदे हमको माथ यह मात देख तव पग पर।। ज्ञान का दीप मात तुम... Poetry Writing Challenge-3 45 Share राकेश पाठक कठारा 26 May 2024 · 1 min read प्रार्थना हे भगवान आओ मैं नहीं हम हो जाएं घोर संकट में भी हम तुम्हें ना भुलाएं हमे इतना काबिल बनाएं कि हम परोपकार कर पाएं,भूंखे भले रहें पर मांस नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 65 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 2 min read चलना है मगर, संभलकर...! " चल उठ जीवन पथ के राही... कुछ कदम बढ़ा, भोर हो चला है कर ले कुछ हलचल...! उदित किरण की लाली (रवि किरण ) संग... बहती शीतल बयार संग...!... Poetry Writing Challenge-3 111 Share Adha Deshwal 26 May 2024 · 1 min read शिक्षा कभी भी अपने लिए हार नहीं मानना, खुद को इतना काबिल बनाना, कि सही और गलत का पता हो, और अपने लिए तुम खड़े हो, सबसे बड़ा रास्ता है शिक्षा,... Poetry Writing Challenge-3 · A Beautiful Mind · Believe · Education · Point Of View · Struggle 4 119 Share Mukund Patil 26 May 2024 · 1 min read कर्म का निवेश जमीन मे किया जाता है जैसे बिजारोपण. उसी नुसार होता है उसका फल निर्धारण. कर्म की भी कुछ ऐसी ही है गती. जैसे होते है कर्म वैसी ही होती है... Poetry Writing Challenge-3 77 Share राकेश पाठक कठारा 26 May 2024 · 1 min read उठ!जाग उठ!जाग समय है शेर हिरण सा भाग एक तरफ जल है एक तरफ आग प्रतीक्षा नहीं करता समय तू भी मत कर साहस को साथ ले किसी से मत डर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 62 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 26 May 2024 · 1 min read बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग!! हर तरफ फैली है करोना की महामारी बहुत इस वबा में मर रहे हैं लोग !! इंसानी मुहब्बत में सरहद के पार से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 83 Share Sushila joshi 26 May 2024 · 1 min read रगणाश्रित : गुणांक सवैया गुणांक सवैया यह श्री रामनाथ साहू ननकी जी द्वारा नवीन गुणांक छंद है अर्थात इसकी अंकवली उनकी लेखनी ने उगली हैं l इसमें ७ जगण अर्थात जभान --१२१ अर्थात लघु... Poetry Writing Challenge-3 1 100 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 26 May 2024 · 1 min read आओ मृत्यु का आव्हान करें। आओ मृत्यु का आव्हान करें, नित नवीन स्वांग करें, आओ मृत्यु का आव्हान करें। ये जो दृष्टिगत, वह सत्य नहीं, इस तरह असत्य का प्रचार करें, आओ मृत्यु का आव्हान... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 93 Share राकेश पाठक कठारा 26 May 2024 · 1 min read खेल ईश्वर ने मिट्टी के खिलौने बनाया फिर उनमें जान डाला और उनसे बोला अब एक खेल का आयोजन होगा जिसमें मैं तुम्हें देता जाऊंगा और तुम लेते जाना इसके बाद... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 63 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 1 min read आ अब लौट चलें.....! " आ लौट चलें हम… उस गांव की ओर…. उस जंगल की छांव की ओर… जहां हमें सामाजिकता की एक परिभाषा मिला...! जहां हमें तन ढकने की एक विचार….. और... Poetry Writing Challenge-3 97 Share Previous Page 23 Next