Posts Poetry Writing Challenge-3 250 authors · 5361 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 20 Next Anamika Tiwari 'annpurna ' 27 May 2024 · 1 min read नारी के मन की पुकार संस्कृतियों का पाठ पढ़ाना , सबको अच्छा लगता है , मर्यादा का मान बचाना, सबको अच्छा लगता है ।। पुरा काल से चली आ रही , हीन दशा उस नारी... Poetry Writing Challenge-3 3 86 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read दिल तो पत्थर सा है मेरी जां का 1) मैं नहीं सबका है यही कहना इश्क़ सच्चा कभी नहीं मरता 2)ऐ हवा कुछ बता पता उसका वो कहीं तो तुझे मिला होगा 3)जोड़ता है दिलों के बंधन जो... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 100 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read वो इश्क़ अपना छुपा रहा था 1) वो इश्क़ अपना छुपा रहा था मिला के नज़रें चुरा रहा था 2)धुआं ये सबको बता रहा था शहर कोई तो जला रहा था 3) वो गीत उल्फ़त के... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 101 Share Anamika Tiwari 'annpurna ' 27 May 2024 · 1 min read नारी की शक्ति दो संस्कृतियों का मान है नारी , पिता की जान तो ससुराल का प्राण है नारी। दुर्गा, लक्ष्मी का अवतार है नारी, भारत देश की शान है नारी। जमी से... Poetry Writing Challenge-3 3 127 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read याद मीरा को रही बस श्याम की 1)धड़कनों में ज़लज़ले भी ख़ूब थे उन दिनों के रतजगे भी ख़ूब थे 2)याद मीरा को रही बस श्याम की बालपन के फलसफ़े भी ख़ूब थे 3)पी गई विष को... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 118 Share Anamika Tiwari 'annpurna ' 27 May 2024 · 1 min read कुलदीप बनो तुम सुन लो सुन लो जरा ऐ मेरे दोस्तों, जिंदगी को सजा लो सदाचार से । वीर बनो तुम धीर बनो तुम, उदधि जैसे मन से गंभीर बनो तुम । पर्वत... Poetry Writing Challenge-3 1 128 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read मुझे मुहब्बत सिखाते जाते 1)मुझे मुहब्बत सिखाते जाते वफ़ा का रस्ता दिखाते जाते 2)सुनो ज़रा तुम क़रीब आओ ये कह के हमको जिलाते जाते 3)हैं रो के काटी तुम्हारे बिन जो मेरी वो रातें... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 110 Share Neeraj Mishra " नीर " 27 May 2024 · 1 min read नम आंखे बचपन खोए उम्र महज दस की मेरी पर देख कर्म मेरा कई गणितग गणित लगते नित नए नए नामों से मुझको कह कर लोग बुलाते कोई अनाथ कोई गरीबी का कीड़ा कोई... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · कविता बचपन · बचपन का दर्द 2 107 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read तू ही मेरा रहनुमा है 1)तू ही मेरा रहनुमा है तू ही मंज़िल का पता है 2)इन फिज़ाओं ने भी चुपके से कहा तू ही मिरा है 3)मख़मली हाथों में तेरे नाम मेरा ही लिखा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 78 Share Anamika Tiwari 'annpurna ' 27 May 2024 · 1 min read पुस्तक अनमोल वस्तु है मुझे न चाहिए सोना ,चांदी न चाहिए जवाहरात। मुझे चाहिए पुस्तकों से भरा हुआ संसार।। पुस्तक ही मेरा धन है ,पुस्तक ही मेरा जीवन है। भागवत , पुराण, मानस, गीता... Poetry Writing Challenge-3 1 79 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read आस्मां से ज़मीं तक मुहब्बत रहे 1)आस्मां से ज़मीं तक मुहोबत रहे ए ख़ुदा सब पे तेरी इनायत रहे 2)आपका हर सितम हंस के सह लेंगे हम कुछ तो हो दरमियाॅं चाहे नफ़रत रहे 3)आए तूफां... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 116 Share Anamika Tiwari 'annpurna ' 27 May 2024 · 1 min read मेहनत कर तू फल होगा मेहनत कर तू फल होगा , आज नही तो कल होगा । मेहनत में ईमान तू रखना, नही खुद संग धोखा होगा ।। मेहनत कर ....... राह में कितने भी... Poetry Writing Challenge-3 1 142 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read ख़ुश रहना है 1)मेरी बेताब धड़कन और मेरी हसरत समझने को तुम्हारी इक नज़र काफ़ी है मेरा हाल पढ़ने को 2)तुम्हारी एक आहट पर ही हम बेचैन रहते हैं और उस पर ज़ुल्म... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 108 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read इक ज़मीं हो 1)दिल के वीराने में दीपक आस का हम सब जलाएं दूर कर दें हर उदासी जुगनुओं से घर सजाएं 2)रूठ बैठे हम से जो पल आओ हम मिलकर मनाएं इन... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 82 Share Anamika Tiwari 'annpurna ' 27 May 2024 · 1 min read हार मैं मानू नहीं हार मैं मानू नहीं मार्ग कितना भी कठिन हो, हार मैं मानू नहीं, भारी भरकम भीड़ में भी, हार मैं मानू नही।। नित नई उम्मीदों के साथ, बढ़ती जा रही... Poetry Writing Challenge-3 2 100 Share Neelofar Khan 27 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल = ( 01 ) बह्र... 2212 2212 2212 2212 ,, मुसतफ़इलुन,मुसतफ़इलुन,मुसतफ़इलुन,मुसतफ़इलुन, क़ाफिया __ ई ,,,,रदीफ़ __सी ज़िंदगी ,, ********************************** ग़ज़ल 1,, ये आशिक़ी ,ये आजिज़ी,ये फलसफी सी ज़िंदगी ,... Poetry Writing Challenge-3 2 113 Share Anamika Tiwari 'annpurna ' 27 May 2024 · 1 min read आत्मनिर्भर नारी भावनाओं में जीती हूं , भावनाओं में मरती हूं , कितनी सीढ़ी पार हुई हूं , मंजिल देखा करती हूं। हिंदुस्तान की बेटी हूं, उर से अदम्य साहसी हूं, समस्याओं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 118 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read तुम्हीं रस्ता तुम्हीं मंज़िल 1)सनम तुमसे ये पर्दा क्यूं करें हम मुहोबत को यूं रुसवा क्यूं करें हम 2)शिक़ायत और ये शिक़वा क्यूं करें हम वो जाता है तो रोका क्यूं करें हम 3)ज़माने... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 83 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read तमन्ना है बस तुझको देखूॅं 1)हसीं ज़िन्दगानी रही है सदा गुनगुनाती रही है 2)तमन्ना है बस तुझको देखूं नज़र कबसे प्यासी रही है 3)कसक है जुदाई की दिल में तेरे बिन उदासी रही है 4)तुम्हारी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 83 Share Anamika Tiwari 'annpurna ' 27 May 2024 · 1 min read हृदय की बेचैनी भाग्य ने ऐसी शिकस्त दी सुलझाए नहीं सुलझती, समय ने ऐसी शिकस्त दी सुलझाए नहीं सुलझती। लोग कहते हैं भाग्य से सब कुछ मिलता , यदि भाग्य ही दुर्भाग्य बन... Poetry Writing Challenge-3 1 83 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read मुबारक़ हो तुम्हें ये दिन सुहाना 1)मुबारक़ हो तुम्हें ये दिन सुहाना मुहब्बत का लबों पर हो तराना 2) रहे हर दम बहारों का ज़माना गुलों के साथ महके आशियाना 3)नज़र में दीद की हसरत छिपाकर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 84 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read जिसके हर खेल निराले हैं 1) इक नूर से दुनिया में हर सिम्त उजाले हैं ये शम्स-ओ-क़मर तारे सब उसके हवाले हैं 2)वो अक़्ल से बाहर है और इश्क़ के अन्दर है जानें उसे क्या... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 73 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read शिक़ायत नहीं है 1)शिक़ायत नहीं है मुझे अब सफ़र से मुसाफ़िर हूं डरती नहीं रह-गुज़र से 2)संवरने लगी हूं ख़यालों से उसके वो अंजान है मुझपे अपने असर से 3)सिसकती रही ज़िन्दगी रात... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 2 107 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read दुनिया से ख़ाली हाथ सिकंदर चला गया 1)ये बात इक फ़क़ीर भी कह कर चला गया दुनिया से ख़ाली हाथ सिकन्दर चला गया 2)पल भर में आशिक़ी का वो मंज़र चला गया होकर ख़फ़ा जो मुझसे सितमगर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 97 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read रस्म ए उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला 1)रस्म-ए-उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला देता है , रूठकर मुझको वो हर बार सज़ा देता है 2)अब तमन्ना ही नहीं दिल में मेरे जीने की मर भी जाऊँ तो भला... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 87 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read मैं रूठूं तो मनाना जानता है 1)मैं रूठूं तो मनाना जानता है वो मुझको मुझसे ज़्यादा जानता है 2)ज़रा सी ही तो है ये ज़िन्दगानी वो ख़ुश है जो के हॅंसना जानता है 3)मुहब्बत का है... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 76 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read ज़ख़्म-ए-दिल आज मुस्कुरा देंगे 1) ज़ख़्म-ए-दिल आज मुस्कुरा देंगे इस तरह उनको हम दुआ देंगे 2) जाने वाला भले सुने ना मगर आख़िरी साॅंस तक सदा देंगे 3)वो नज़र भर के देख लेंगे तो... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 69 Share manorath maharaj 27 May 2024 · 1 min read दुनिया में मैं कुछ कर न सका दुनिया में मैं कुछ कर न सका जीवन गुत्थी रही जस-की-तस, हुई न थोड़ी भी टस-से-मस। जीवन भर कर्म किया अविरल, मिला न कभी जी को सुख-रस। मुस्कान अधर पर... Poetry Writing Challenge-3 50 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read बोल दे जो बोलना है 1)बोल दे जो बोलना है और लगा इल्ज़ाम भी दर्दे ग़म देकर जुदाई का पिला दे जाम भी 2)इक नज़र गर देख लोगे हम तो मर ही जाएंगे थाम कर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 1 75 Share Ragini Kumari 27 May 2024 · 1 min read कोई-कोई सबको पसंद अपना चेहरा है रूह को देखता है कोई-कोई, मुस्कुराहट नजर आती है सबको छिपे दर्द को देखता है कोई-कोई, चकाचौंध के पीछे दुनिया पड़ी है मेहनत करता है... Poetry Writing Challenge-3 1 68 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read न मुझको दग़ा देना 1)वीरान अंधेरे हों तुम मुझको सदा देना हर हाल में आऊँगी आवाज़ लगा देना 2)बर्बाद मुहब्बत की हर शय को भुला देना तडपाएं अगर यादें कुछ अश्क़ बहा देना 3)मैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 1 80 Share Anamika Tiwari 'annpurna ' 27 May 2024 · 1 min read दुनिया की गाथा दुनिया के लोगों की गाथा विचित्र है, जन्मे एक कोख से आचरण भिन्न है। संत होय कोई - कोई होते बलबीर, होते कोई दानी करत आचरण पुनीत। राम ही ब्रह्म... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 88 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read मेरे दिल ओ जां में समाते जाते 1)मेरी बेचैन सी धड़कन को मनाते जाते हमनफ़स मेरे दिलों जां में समाते जाते 2)दास्तां हम भी अगर अपनी सुनाते जाते तुमको पाबंद मोहब्बत का बनाते जाते 3)ख़्वाब की तुमने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 97 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read तक़दीर का ही खेल 1)कहीं है सुख की शहनाई कहीं दुख घिर के आया है ये दुनिया है यहाॅं तक़दीर का ही खेल सारा है 2)यहाॅं के मंच पर किरदार अपने सब निभाते हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 95 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read वो आरज़ू वो इशारे कहाॅं समझते हैं 1)वो आरज़ू वो इशारे कहाॅं समझते हैं वो पल जो रो के गुज़ारे कहाॅं समझते हैं 2)मैं इंतज़ार में जगती रही हूं रातों को ये आस्मां के सितारे कहाॅं समझते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 113 Share Kanchan Gupta 27 May 2024 · 1 min read नवल वर्ष का नवल हर्ष के साथ करें हम अभिनंदन नवल वर्ष का नवल हर्ष के साथ करें हम अभिनंदन विगत वर्ष को अश्रुपूरित हाथ जोड़ सादर वंदन नीलगगन से नवल लालिमा बिखराता आया दिनकर मंद चल रही वायु छेड़े... Poetry Writing Challenge-3 1 78 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read राज़ बता कर जाते ) जाते जाते कोई तस्कीन दिला कर जाते दिल के वीरान से गुलशन को खिला कर जाते 2)गुनगुनाए थे जो चाहत में मिरे साथ कभी गीत फिर से वही इक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 4 2 108 Share Kanchan Gupta 27 May 2024 · 1 min read सपना सलोना सा प्यारा खिलौना सा सपना सलोना सा प्यारा खिलौना सा हिरणी का छौना सा चंदा का दौना सा मुझको मिला तू झरने के जल सा खिलते कमल सा ख़ुशियों के पल सा मीठी ग़ज़ल... Poetry Writing Challenge-3 74 Share Kanchan Gupta 27 May 2024 · 1 min read दिल को तमाम बातों का तह खाना बना दे दिल को तमाम बातों का तह खाना बना दे शिकवे गिले कर कर के तमाशा न बना दे जिस शय से दिल दुःख जाए उसे भूलना अच्छा यादें कहीं अपनो... Poetry Writing Challenge-3 57 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए 1)खो गई जो कहीं वो हॅंसी चाहिए फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए 2)फूल हर रॅंग के गुलसिताॅं में खिलें ख़ुश्बूएं सबकी फिर बाहमी चाहिए 3)दूर हों फ़ासले बैर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 97 Share Kanchan Gupta 27 May 2024 · 1 min read साजे दिल तोड़ के आवाज़ की बातें न करो साजे दिल तोड़ के आवाज़ की बातें न करो आसमां छीन के परवाज़ की बातें न करो डूबती शाम को तारों का दिलासा देकर चांद के छल भरे अंदाज की... Poetry Writing Challenge-3 50 Share Kanchan Gupta 27 May 2024 · 1 min read तप्त हृदय को , सरस स्नेह से , तप्त हृदय को , सरस स्नेह से , जो सहला दे , मित्र वही है । रूखे मन को , सराबोर कर, जो नहला दे , मित्र वही है ।... Poetry Writing Challenge-3 142 Share Kanchan Gupta 27 May 2024 · 1 min read गुमनाम सा शायर हूँ अपने लिए लिखता हूँ गुमनाम सा शायर हूँ अपने लिए लिखता हूँ दिल से जो हुइ बातें उसके लिए लिखता हूँ न तालियों से मतलब न दाद का सौदाई तनहाई न इतराए इसके लिए... Poetry Writing Challenge-3 1 93 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read तुम्हीं मेरा रस्ता 1) हक़ीक़त यही है यही है फ़साना तुम्हीं मेरा रस्ता तुम्हीं हो ठिकाना 2)तुम्हारे बिना दिल कहीं न लगे अब बना डाला तुमने इसे भी दिवाना 3)जहाॅं देखती हूॅं तुम्हीं... Poetry Writing Challenge-3 96 Share Kanchan Gupta 27 May 2024 · 1 min read बुला रहा है मुझे रोज़ आसमा से कौन बुला रहा है मुझे रोज़ आसमा से कौन हटा रहा है मुझे बीच दास्ताँ से कौन फ़ूल गुमसुम हैंपरिंदे चहकना भूल गए चला गया है ये चुपचाप गुलिस्ताँ से कौन... Poetry Writing Challenge-3 93 Share Kanchan Gupta 27 May 2024 · 1 min read न दया चाहिए न दवा चाहिए न दया चाहिए न दवा चाहिए मुझको हर दिन नया हौसला चाहिए झूठी मुस्कान मुझको गवारा नहीं मुझको होठों पे सच्चा गिला चाहिए अपने पैरों पे अपना सफ़र तय करूँ... Poetry Writing Challenge-3 1 59 Share Kanchan Gupta 27 May 2024 · 1 min read कोई त्योहार कहता है कोई हुड़दंग समझता है कोई त्योहार कहता है कोई हुड़दंग समझता है मगर होली का मतलब तो ये पागल मन समझता है हमेशा जीत कर आती है नेकी हर बुरायी को जला सकती नहीं... Poetry Writing Challenge-3 51 Share डॉ नवीन जोशी 'नवल' 27 May 2024 · 1 min read कलम का क्रंदन कलम को कलम रहने दो, तलवार मत करो ! लेखन एक सन्देश हो खर-पतवार मत करो !! सबके अपने-अपने मत हैं, सबके अपने-अपने पथ हैं, अगणित शिष्टजन समाज में, मानव... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 117 Share Kanchan Gupta 27 May 2024 · 1 min read अब नहीं चाहिए बहारे चमन अब नहीं चाहिए बहारे चमन ख़ुद हमने बीन लिए खवारे चमन रौंद कर नन्हीं कलियाँ डालियों पर किस इंतज़ार में हैं कुँवारे चमन जितने भी बागवा आए वो लुटेरे निकले... Poetry Writing Challenge-3 1 84 Share Kanchan Gupta 27 May 2024 · 1 min read तनहा भी चल के देखा कभी कारवाँ में चल के तनहा भी चल के देखा कभी कारवाँ में चल के हर हाल में पड़ता है चलना सँभल सँभल के कई बार समय बदला अच्छा बुरा बन बन के कई लोग... Poetry Writing Challenge-3 29 Share Previous Page 20 Next