सुरेश कुमार चतुर्वेदी Poetry Writing Challenge-3 38 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सुरेश कुमार चतुर्वेदी 22 May 2024 · 1 min read नरसिंह अवतार विष्णु जी हिरणाकश्यप ने मृत्युंजय बनने के, सारे जतन जुटाए घोर तपस्या के बल पर,ब़म्हा से वरदान बहुत ही पाए न दिन में मरूं, न रात में,न घर में न बाहर न... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 135 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 12 May 2024 · 1 min read आदि गुरु शंकराचार्य जयंती धर्म और संप्रदायों पर जब था, अंधकार का साया 84 संप्रदायों का जब, आपस में मत टकराया बौद्ध जैन अन्य सभी में, पड़ा तंत्र का साया धर्म सनातन के उत्थान... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 93 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read प्रभु गुण कहे न जाएं तिहारे प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे,प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे शेष शारदा कवि कोविद गण, वर्णित वर्णित हारे।। प्रभु ... देव दनुज नर नाग और किन्नर ,यक्ष ऋषि मुनि... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 45 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read मैंने दी थीं मस्त बहारें हैं मैंने दी थीं मस्त बहारें, तुमने आग लगा डाली जन्नत से धरती सौंपी थी, तुमने मैली कर डाली मैंने दी थीं मस्त बहारें, तुमने आग लगा डाली मैंने बांटी प्रेम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 49 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read प्यार का ऐसा सर संधान रे प्यार का ऐसा सर संधान बीज नष्ट नफरत का हो सुरभित हो सकल जहांन मिट जाए आतंक जगत से हिंसा और अज्ञान प्यार का ऐसा सर संधान प्रेम पले नफरत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 61 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read सोच समझ कर वोलो वाणी रे शब्द ब्रह्म संसार है वाणी सरस्वती का वरदान है वाणी वीणा का संगीत है वाणी ज्ञान और विज्ञान है वाणी अमृत वचनों का सार है वाणी ईश्वर का वरदान है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 77 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read धरती बोली प्रेम से जग में सुंदर एक है, एक ईश्वर का नाम कोई अल्लाह कहत है, कोई कहता है राम धरती बोली प्रेम से, सुन मानस के हंस सकल जगत में बस रहा,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 60 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read नहीं अन्न और जल होगा आने वाला कल दुनिया में, मुसीबतों का कल होगा जीवन पर संकट के बादल, संघर्ष यहां पल पल होगा नहीं मिलेगा पीने पानी , नहीं अन्न और फल होगा पर्यावरण... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 49 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read नित नई तलाश में छोड़ कर पल सुहाने, ढूंढ रहा कल सोच कर पल पुराने, हो रहा विकल पा न सका शांति, जीवन गया निकल संतोष बिना सुख के, मिलते नहीं हैं पल तृष्णा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 70 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read प्रेम महाशक्ति ईश्वर की प्रेम है महाशक्ति ईश्वर की जो ब्रह्मांड चलाती है आकर्षण की डोर है यह रिश्तो में गूंथी जाती है प्रेम के हैं सब रिश्ते नाते प्रेम ही सदा निभाता है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 71 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read हे मात जीवन दायिनी नर्मदे मैया हे मात जीवनदायिनी, तेरी करूं मैं बंदगी तेरे तटों पर ना हो मुझसे, भूलकर भी गंदगी नित्य सेवन दर्शन तुम्हारे, मैं सदा करता रहूं मैं सदा घाटों को तेरे, साफ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 68 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read भिगो रहा जमकर सावन भिगो रहा जमकर सावन भीग रहा मन का आंगन मदमस्त फुहारें सावन की रितु ना आवन जावन की गीत पिया के प्रेम भरे मन मोह रहे श्रंगार हरे चहूंओर भरी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 44 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read बदहवास सा भाग रहा बदहवास सा भाग रहा, हर कोई दिखा वेताब यहां कोई धन के पीछे भाग रहा,कोई तन के पीछे भाग रहा कोई मन के पीछे रहा, कोई तन मन धन मांग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 39 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read माटी के पुतले और न कर मनमानी माटी के पुतले और न कर नादानी माटी के पुतले और न कर मनमानी जल जंगल जमीन बचाओ, जिसमें सांस समानी माटी के पुतले और न कर नादानी घुट घुट... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 37 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read प्रेम बसा कण कण में मातृशक्ति का सौंदर्य धरा , प्रेम वसा कण कण में सृजन पालन पोषण करती ,मां वसी हुई जीवन में संभव नहीं प्रकृति विन जीवन, सौंदर्य नहीं जन मन में पोर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 70 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read एक पेड़ का दर्द धूप सहकर मैं कड़ी, शीतल छांव देता हूं ठंड वर्षा के थपेड़े, सब झेल लेता हूं लेता हूं तेरी हर बला, जीवन प्राण देता हूं देता हूं फल फूल मीठे,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 47 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read जिस डाली पर बैठो हो,काट न बंधु डाल रे जिस डाली पर बैठो हो, काट न बंधु डाल रे टूट रही सांसों की डोरी, पर्यावरण हुआ बेहाल रे जल जंगल जमीन बचाओ, धरती का रखो ख्याल रे काट दिए... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 49 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read उज्जैयिनी मोक्षदायिनी उज्जैयिनी, जहां शिवमय कण कण है तीनों लोकों के अधिपति, जहां महाकाल हर क्षण हैं मोक्षदायिनी क्षिप्रा गंगा,वहती जनगण मन में सत्य सनातन संस्कृति,लोक कल्याण जीवन में वैभवशाली भारत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 55 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read कृतज्ञता दिए गए अवदानों पर किए गए उपकारों पर कृतज्ञयता ज्ञापित की जाती है कृतज्ञ रहना ही दुनिया में मनुज को मनुज बनाती है ईश्वर मात पिता गुरु सृष्टि के मनुज... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 39 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read हर हाल में रहना सीखो मन हर हाल में रहना सीखो मन हर हाल में रहना सीखो मन, कब सदा बहारें रहती हैं सुख दुख और शांति अशांति, जीवन में आती रहतीं हैं ऋतुओं जैसे जीवन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 40 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 6 May 2024 · 1 min read सावन का मेला आया सावन का मेला है, त्यौहार बड़ा अलबेला है हर हर बम बम गूंज रहा, जन- दर्शन को उमड़ रहा बादल अभिषेक को आए हैं, घनघोर घटाएं लाए हैं सावन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 35 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 6 May 2024 · 1 min read मौत मंजिल है और जिंदगी है सफर मौत मंजिल है और जिंदगी है सफर में मौत मंजिल है, और जिंदगी है सफर इस सफर का, जहां में मजा लीजिए कब आएगी मंजिल, किसको पता लुफ्त हर घड़ी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 41 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 6 May 2024 · 1 min read चार कंधों पर जब, वे जान जा रहा था चार कंधों पर जब, वे जान जा रहा था मन ही मन में अपने, पश्चाताप आ रहा था राम नाम सत्य है संवेद स्वर आ रहा था सत्य बोलो गत्य... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 3 53 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 6 May 2024 · 1 min read मातृशक्ति को नमन त्याग तपस्या की मूरत,सूरत प्रेम और बलिदान की नारी है धरती की पुत्री, जननी सकल जहान की सारी धरती गोद है उसकी, और आंचल है नीलगगन विश्व उसके वात्सल्य में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 103 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 6 May 2024 · 1 min read पूंछ टूटी तो आदमी हो जाओगे पेड़ पर उछलते कूदते बंदर की पूंछ, जब डालियों में फंसी तो बंदरिया जोर से हंसी ओ मेरे हमजोली अपनी पूंछ बचाओ ये टूटी तो आदमी हो जाओगे अपने साथ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 72 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 5 May 2024 · 1 min read वादी ए भोपाल हूं बादी ए भोपाल हूं, मैं बादी ए भोपाल हूं भोर हूं स्वप्निल सुनहरी, और सजीली शाम हूं बादी ए भोपाल हूं, मैं वादी ए भोपाल हूं शैल शिखरों से घिरी,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 114 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 4 May 2024 · 1 min read माता पिता के श्री चरणों में बारंबार प्रणाम है मात-पिता के श्री चरणों में, बारंबार प्रणाम है मात पिता ही इस धरती पर, साक्षात भगवान हैं लख-लख कष्ट सहें जीवन में, करते नहीं बखान हैं मात पिता ही इस... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 130 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 4 May 2024 · 2 min read जलियांवाला बाग जलियांवाला बाग की घटना, दहला देने वाली थी अंग्रेजी शासन की क़ूरता, बर्बर से बर्बर काली थी निहत्थे लोगों पर गोलीबारी, शर्मसार करने वाली थी मानवता पर दाग थी ये,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 104 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 4 May 2024 · 1 min read वेचैन आदमी एक दिन एक बेचैन आदमी मंदिर मेरे आया सोने को ही था मैं उसने घंटे पर हाथ जमाया बोला भगवन बढ़ा दुखी हूं नींद नहीं आती है ब्लड प्रेशर शुगर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 3 66 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 3 May 2024 · 1 min read भीड़ ने की एक निर्मम हत्या मावलीचिंग भीड़ ने की एक निर्मम हत्या, एक दुख भरी कहानी है भीड़तंत्र के भेड़ चाल की, एक जीवंत निशानी है एक गरीब दंपत्ति बच्चे का, इलाज कराने आए थके थकाए... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 59 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 3 May 2024 · 1 min read आओ करें हम अर्चन वंदन वीरों के बलिदान को आओ करें हम अर्चन वंदन, वीरों के बलिदान को हंसते-हंसते लुटा गए जो, मातृभूमि पर प्राण को स्वप्न लिए आजादी का जो, लाठी डंडा खाते थे सीने पर गोली खाते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 84 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 2 May 2024 · 1 min read बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में सत्ता का संग्राम छिड़ा है, भैया अब इस देश में मुख में है जनता की सेवा,देख रहे सत्ता की मेवा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 117 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 2 May 2024 · 1 min read छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर छुपा हुआ अंतस में सूरज,आए नजर न भोर रे मन छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर काम क्रोध मद लोभ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 94 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 2 May 2024 · 2 min read दुनिया में कहीं नहीं है मेरे जैसा वतन सारी दुनिया में कहीं नहीं है, मेरे जैसा वतन अलग अलग बोली भाषाएं, फिर भी एक है मन ।सारी...... कई धर्म संप्रदाय यहां हैं, सबका एक जतन मानव के कल्याण... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 1 116 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 2 May 2024 · 1 min read दुनिया की हर वोली भाषा को मेरा नमस्कार 🙏🎉 नमस्कार मैं हिंदी हूं, मैं पूरब से आई हूं प्रेम और शुभ संदेशों को, मैं भारत से लाई हूं मेरे देश में बोली जातीं, कई बोली भाषाएं प्रेम और विश्वास... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 2 79 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 2 May 2024 · 1 min read खुद को संभाल खुद को संभाल,भैया खुद को संभाल जीवन को भैया,न खतरों में डाल नशा मशा करने की,आदत न डाल नशा जो करोगे तो, जल्दी तुम मरोगे बड़ी बड़ी बीमारियों से, भैया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 2 114 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 2 May 2024 · 3 min read श्री गणेश भगवान की जन्म कथा शिव शंकर माता पार्वती, कैलाश पर सुख से रहते थे विश्वकर्मा के बनाए महल में, गृहस्थ धर्म में दोनों रत थे सुखद दांपत्य चला दोनों का, पुत्र कार्तिकेय उत्पन्न हुए... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 2 119 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 2 May 2024 · 1 min read हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर हे गणपति हे श्रेष्ठ शुभंकर विघ्न विनाशक अभयंकर हे देवाधिदेव गजानन श्रेष्ठ समन्वयक लंबोदर एक सूत्र में पिरो सभी को सारी दुनिया को संगठित कर नहीं धर्म पर झगड़े हों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 81 Share