Sakhi Poetry Writing Challenge-3 22 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sakhi 27 May 2024 · 1 min read दिल की कश्ती उसकी नज़रों के समुद्र में मेरे दिल की कश्ती डूब न जाए। उसकी अदाएं पहले सावन की बरसात भाँति मेरे मन को छू न जाए। उसका आना मानो सर्द ऋतु... Poetry Writing Challenge-3 149 Share Sakhi 25 May 2024 · 2 min read शहर और गाँव ये शहर है मेरा गाँव नहीं यहाँ ऊँचे पहाड़ों की जगह उच्ची इमारतें नजर आती हैं यहाँ हर वस्तु आसानी से मिल जाती है यहाँ सब हैं बस सुकून आराम... Poetry Writing Challenge-3 2 74 Share Sakhi 20 May 2024 · 1 min read कसूरवान कसूर है शायद मेरा, कसूर है शायद इन आँखों का मेरी, इन्हें तुझसे बेहतर कोई नज़र नहीं आता, मस्तिष्क भी कसूरवान मेरा, क्योंकि निजात तेरे ख्यालों से ये नहीं दिलवाता,... Poetry Writing Challenge-3 77 Share Sakhi 20 May 2024 · 1 min read मेरे प्यारे पहाड़ हे मेरे प्यारे पहाड़, आशा है, जो कोई नहीं समझ सका तू वो समझेगा , तुझसे दूर रहना इच्छा नहीं मजबूरी है मेरी, आशा है , तू यह समझेगा। यह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 100 Share Sakhi 20 May 2024 · 1 min read सरमाया – ए – हयात कोई पूछे जो तुमसे क्या कमाया उम्र भर? क्या कहोगे तुम? चंद रुपए चंद आशियाने ?? क्या पूरी जिंदगी की कमाई इन सब चीजों को कहोगे तुम ?? वह जिंदगी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 67 Share Sakhi 20 May 2024 · 1 min read बदलाव उसकी बाते पहले अजीब , अब अंजानी लगती है , बदलाव की परिभाषा की, अब हमे समझ लगती है । कभी हुआ करता था ऐसा भी , बदलावों से मुझे... Poetry Writing Challenge-3 72 Share Sakhi 20 May 2024 · 1 min read अध्यापक अध्यापक एक मित्र है तुम्हारा, जो ईश्वर सवरूप तुम्हारे जीवन में आता है , जीवन जीने का असल अंदाज वही सिखाता है। अध्यापक वह, जो अंधकार को दूर भगाता है,... Poetry Writing Challenge-3 87 Share Sakhi 20 May 2024 · 1 min read बचपन रिमझिम – रिमझिम बारिश आई , बादलों की गड़ – गड़ाहट , हवाओं की सर – सराहट , अपने संग लेकर आई , इस मौसम में , तलब बस एक... Poetry Writing Challenge-3 69 Share Sakhi 19 May 2024 · 1 min read स्वयं संगीता मजबूर हर शख्स समझ में मुझे अब आने लगा है, मजबूर मैं हूँ अब , इसलिए पग-पग पर हर कोई मुझे आज़माने लगा है । सच है मेरा ऐसा झूठ... Poetry Writing Challenge-3 52 Share Sakhi 19 May 2024 · 1 min read कलाकार इस प्रकार तुम्हारा नज़रे चुराना , कला नहीं तो क्या है ? सब कुछ भूल जाने का बहाना बनाना, कला नहीं तो क्या है?? यारा कैसे ना कहूँ मैं तुम्हे... Poetry Writing Challenge-3 51 Share Sakhi 19 May 2024 · 1 min read चार यार मिल बैठे है चार यार , कर रहे है बाते हज़ार , जिस कश्ती में तुम हो सवार , उसको डूबाने को है सब त्यार। उजाड़ने वाले , कर रहे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 57 Share Sakhi 19 May 2024 · 1 min read खंडर इमारत खड़ी एक इमारत सड़क से थोड़ी दूर, सुनसान जगह पर है , कभी यह भी रही होगी बहुत विशाल बहुत आलीशान , मगर अब महज़ एक खंडर है। इस इमारत... Poetry Writing Challenge-3 40 Share Sakhi 19 May 2024 · 1 min read यादों की कसक कैसी है यह मोह माया ? जिसकी मैं भी अब आदि हूँ, हाँ , मैं भी अब शोहरत ख़ातिर जख्मों पर नमक लगाती हूँ। बातों को भूल जाना आता नहीं... Poetry Writing Challenge-3 44 Share Sakhi 19 May 2024 · 1 min read वो दिन आखिरी था रुसवा यार को मनाना ज़रुरी था, क्युकी वो दिन आखिरी था। हर शक्स के साथ झूठे वादो की रसम को निभाना ज़रूरी था , क्युकी वो दिन आखिरी था। तस्वीरों... Poetry Writing Challenge-3 59 Share Sakhi 19 May 2024 · 1 min read तुझसे मिलने के बाद तुझसे मिलने के बाद, हो चुका है सब पूरा, मेरी जिंदगी में अब कुछ नहीं रहा अधूरा , जो सोच महज़ कल्पना तक थी सीमित , वो लबों पर मेरे... Poetry Writing Challenge-3 43 Share Sakhi 19 May 2024 · 1 min read यही इश्क़ है इस दुनिया की कश्मकश में दिल किसी एक पर आना हजार हसीन चेहरे इर्द-गिर्द होते हुए भी एक ही चेहरे पर नज़रों का ठहर जाना उसके क़रीब आते ही मेरी... Poetry Writing Challenge-3 45 Share Sakhi 19 May 2024 · 1 min read उलझन उलझन भी ज़रुरी है, सब सुलझाने के लिए। हर शख्स ज़रूरी है, हर राज़ दफनाने के लिए। बेकरार मै नहीं सिर्फ , कोई और भी है, किस्मत आज़माने के लिए।... Poetry Writing Challenge-3 76 Share Sakhi 18 May 2024 · 1 min read फ़रेब खुले आसमान में डूबते सूरज को देखते हुए , जज्बातों की जगह ख्यालों को बना अल्फ़ाज़ , हर दागदार झूठ को बेदाग सच की सियाही से लिखते हुए हाथ अब... Poetry Writing Challenge-3 1 44 Share Sakhi 18 May 2024 · 1 min read कल्पनाओं के बीज कुछ कल्पनाओं के बीज बोए थे मैंने , सोच यह अंकुर फूटेगे कभी , फलित पुष्पित होगे यह भी कभी , धर रूप विशाल वृक्ष का सुकून की छाँव देगे... Poetry Writing Challenge-3 1 49 Share Sakhi 18 May 2024 · 1 min read तेरा ज़िक्र नींद में देखा अगर कोई ख्वाब है तू तो ये नींद मुझे गहरी चाहिए , और जो हक़ीक़त में मेरे साथ है तू तो तेरा साथ मुझे उम्र भर तक... Poetry Writing Challenge-3 1 83 Share Sakhi 18 May 2024 · 1 min read क्या है मोहब्बत?? नाम दिया ही है अगर तुमने एक तरफ़ा इश्क को मोहब्बत, तो उसको लाज़मी निभाओ और अगर न समझे कोई जज़्बात तुम्हारे तो अपने जज़्बातों का मज़ाक न बनवाओ। हो... Poetry Writing Challenge-3 1 98 Share Sakhi 18 May 2024 · 1 min read याराना जिंदगी के सफर में चलते चलते कई अंजान लोगो से मिलते मिलते किसी की रूह का , तुम्हारी रूह से जुड़ जाना यही तो होता है यारो याराना। बिन कुछ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 44 Share