ग़ज़ल (बड़ा है खिलाड़ी ,खिलाता है तू ..................).....................
बड़ा है खिलाड़ी ,खिलाता है तू ....................................... अदाओं से अपनी रिझाता है तू। नमी पत्थरों में जगाता है तू ।। बनाता मिटाता जहां को भी तू बड़ा है खिलाड़ी खिलाता...
Poetry Writing Challenge-3