Monika Yadav (Rachina) Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Monika Yadav (Rachina) 25 May 2024 · 1 min read विजय द्वार (कविता) विजय द्वार उठ जाग-ए- पथिक जब जागे तभी सवेरा हो अब सोचने में देर ना कर मार्ग तेरे इंतजार में है मिलों का सफर है तो क्या दिल में इक... Poetry Writing Challenge-3 6 3 117 Share Monika Yadav (Rachina) 25 May 2024 · 1 min read नाकाम किस्मत( कविता) नाकाम किस्मत मेरी नाकाम किस्मत रही सदा रुसवाई की राह पर हम चुप रहकर भी पछताए कुछ कह कर भी पछताए अपनी ही बदकिस्मती के कसीदे यूं पढ़े हमने कभी... Poetry Writing Challenge-3 2 107 Share Monika Yadav (Rachina) 25 May 2024 · 1 min read तलबगार दोस्ती का (कविता) तलबगार दोस्ती का तुमने दोस्ती का दामन यूं छुड़ाया फिर भी मुझे कोई गम नहीं सदा खुश रहे तू दुआ है बस मेरी यही चाहे उस खुशी में शामिल हम... Poetry Writing Challenge-3 3 2 98 Share Monika Yadav (Rachina) 25 May 2024 · 1 min read जज़्बात - ए बया (कविता) जज़्बात - ए बया कितना आसान होता है किसी के जज्बातों से खेलने कितना मुश्किल होता है किसी के जज्बातों को समझना कितना आसान होता है किसी को अपना कहना... Poetry Writing Challenge-3 1 89 Share Monika Yadav (Rachina) 25 May 2024 · 1 min read अल्फाज (कविता) अल्फाज मैं दिल में दबी हर बात को यूं कागज़ पर उकेरना चाहती हूं उकेरना चाहती हूं एहसासों को अपने मगर सोचती हूं फिर क्या है फायदा क्या है कुछ... Poetry Writing Challenge-3 1 102 Share Monika Yadav (Rachina) 25 May 2024 · 1 min read रूह का छुना रूह का छुना ए दोस्त क्या खूब कहते हो तुम की चाहते हो सबके मन से गुजरना मगर क्या कभी छु पाए हो उस मन को तुम जिसने सिर्फ तुम्हारे... Poetry Writing Challenge-3 1 85 Share Monika Yadav (Rachina) 25 May 2024 · 2 min read दोस्ती का मर्म (कविता) दोस्ती का मर्म दोस्ती है नाता रूह का ना इसकी है कोई परिभाषा दोस्ती है दिल की धड़कन रिश्ता है यह एक सरगम सा दोस्ती है मरहम हर जख्म का... Poetry Writing Challenge-3 1 69 Share Monika Yadav (Rachina) 25 May 2024 · 1 min read खयालात( कविता ) खयालात आंखों में यूं सैलाब है टूटे हुए अधूरे कुछ ख्वाब हैं हर तरफ एक सुना पन है दिन हो या चाहे रात हो बस तेरा ही ख्यालात है कुछ... Poetry Writing Challenge-3 2 1 114 Share Monika Yadav (Rachina) 25 May 2024 · 1 min read गमे दर्द नगमे गमे दर्द नगमे मिलता रहा गम- ए दर्द जिंदगी में दर्द में भी गुनगुनाती रही उठता रहा धुआं सीने में और मैं खुद को जलाती रही खुदगर्जी की महफिल में... Poetry Writing Challenge-3 · रचिता की कविताए 2 109 Share Monika Yadav (Rachina) 25 May 2024 · 1 min read अनकहा रिश्ता (कविता) अनकहा रिश्ता काश तुम समझ पाते मेरे रिश्ते की गहराई को मेरे दिल मे तेरी जगह को मेरे उसे आत्मिक प्यार को मेरे उस अपनत्व के भाव को मेरे उस... Poetry Writing Challenge-3 · रचिता की कविताए 5 4 120 Share Monika Yadav (Rachina) 25 May 2024 · 1 min read अधूरी तमन्ना (कविता) अधूरी तमन्ना मैंने तो तमन्ना की थी सिर्फ उसकी दोस्ती की मगर मुझे तन्हाई के सिवा कुछ ना मिला मैं वो साज हूं जिसे प्यार कभी मिला नहीं चाहत की... Poetry Writing Challenge-3 · रचिता की कविताए 1 117 Share Monika Yadav (Rachina) 25 May 2024 · 1 min read क्या हो तुम मेरे लिए (कविता) क्या हो तुम मेरे लिए काश मैं कर पाती मेरी भावनाओं का अनुवाद मेरे दिल में छुपे एहसास जो हो पाते कभी बया की क्या हो तुम मेरे लिए वो... Poetry Writing Challenge-3 · रचिता की कविताए 1 125 Share Monika Yadav (Rachina) 25 May 2024 · 1 min read एहसासे- नमी (कविता) एहसासे- नमी माना आज अश्कों में निर है मॉम से पिघल रही हूं मगर आएगा एक दिन वो भी कि एहसास सीने में दफन हो जाएंगे बन जाऊंगी मैं भी... Poetry Writing Challenge-3 · रचिता की कविताए 1 89 Share Monika Yadav (Rachina) 25 May 2024 · 1 min read प्रीत प्रेम की प्रीत प्रेम की प्यार का अर्थात समुद्र था पास तुम्हारे पर तुम ना समझ पाए कभी उसके हृदय द्रवित उद्गारों को मधुभाषा मृदुल प्यार की उसके आहरित नैनों के जादू... Poetry Writing Challenge-3 100 Share Monika Yadav (Rachina) 25 May 2024 · 1 min read बेज़ार सफर (कविता) बेज़ार सफर बाजार हुए बैठे हैं की दिल से लाचार हुए बैठे हैं बस जेहन में है एक सवालों की गुत्थी ना उलझती है ना सुलझती है बस एक अजीब... Poetry Writing Challenge-3 96 Share Monika Yadav (Rachina) 25 May 2024 · 1 min read अनकहा दर्द (कविता) अनकहा दर्द अपनी आंखों का दर्द छुपा कर हंसती रहती हूं मैं की दर्द में भी फूल खिलाना चाहती हूं मैं दर्द दोस्ती का छिपा है दिल में टूटी है... Poetry Writing Challenge-3 112 Share Monika Yadav (Rachina) 25 May 2024 · 1 min read अधूरा एहसास(कविता) अधूरा एहसास सुन ए हवा होली से बन जा तू गीत मेरे मेरे मीत का कर तो जरा मेरा अनुग्रह तू स्वीकार आखिर क्यों है तुझे इनकार क्या मेरी संवेदनाओं... Poetry Writing Challenge-3 1 98 Share Monika Yadav (Rachina) 24 May 2024 · 1 min read अव्यक्त प्रेम (कविता) अव्यक्त प्रेम प्रेम का रूप तो प्रेम का रूप तो रहा सदैव अव्यक्त कब कौन कर पाया है इसको व्यक्त प्रेम तो रहा अमूर्त फिर क्यों इसे आकर देना कशिश... Poetry Writing Challenge-3 1 93 Share Monika Yadav (Rachina) 24 May 2024 · 1 min read अतीत के पन्ने (कविता) अतीत के पन्ने* कुछ अतीत के किस्से जो कभीं ना धुंधले पड़ते है पलटती हू जब भी जीवन के पन्ने को कर देते है उदास मेरे जीवन को ये ज़रा... Poetry Writing Challenge-3 2 118 Share Monika Yadav (Rachina) 24 May 2024 · 1 min read ख्याल (कविता) ख्याल* रह गया जहन में सवाल मेरा क्या तुम्हें आया कभी ख्याल मेरा आज ना रहा दिल मे चैन मेरे कैसा दिल में बचा बवाल मेरे तेरा जाना तो तय... Poetry Writing Challenge-3 80 Share Monika Yadav (Rachina) 24 May 2024 · 1 min read भीगी पलकें( कविता) भीगी पलकें* कभी कभी नम आंखे भीगी सी पलके भी बहुत कुछ कह जाती है कुछ अनकहे जज्बात कुछ दबे दबे एहसास ना जाने कितने अनगिनत दर्द ये नम आंखे... Poetry Writing Challenge-3 146 Share Monika Yadav (Rachina) 24 May 2024 · 1 min read हृदय द्वार (कविता) कहां कोई पहुंच पाया है मेरे हृदय के उस भाव तक जहां मैंने तुझे स्थान दिया समझा मैंने तुम्हें मेरी वेदना की औषधि की तरह जिसकी पहचान हमें भी नहीं... Poetry Writing Challenge-3 1 91 Share Monika Yadav (Rachina) 24 May 2024 · 1 min read डगर जिंदगी की जिंदगी की राहों में कभी पत्थरों की डगर बन जाती है दर्द होता है दिल में इतना कि आंसुओं से सैलाब बन जाती है कब होते हैं आंसू दर्द के... Poetry Writing Challenge-3 77 Share Monika Yadav (Rachina) 24 May 2024 · 1 min read अधूरी कहानी (कविता) अधूरी कहानी इस कहानी को यूं अधूरा छोड़ दिया सब्दो का यूं बटवारा किया तुमने वफाए मेरे हिस्से आई जफाए मेरे हिस्से आई खुदा मिल गया तुझे अपना शायद असर... Poetry Writing Challenge-3 94 Share Monika Yadav (Rachina) 23 May 2024 · 1 min read अर्थ शब्दों के. (कविता) अर्थ शब्दों के मैं दिल में दबी हर बात को यूं कागज़ पर उकेरना चाहती हूं उकेरना चाहती हूं एहसासों को अपने मगर सोचती हूं फिर क्या है फायदा क्या... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 104 Share