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सब अपनी दबी हुई तमन्ना और पीड़ा दबा लेते हैं और फिर बस उसको पाने के लिए न बोले गए शब्दों से प्रयास करते हैं पाने का।।
सब अपनी दबी हुई तमन्ना और पीड़ा दबा लेते हैं और फिर बस उसको पाने के लिए न बोले गए शब्दों से प्रयास करते हैं पाने का।।