हिमांशु बडोनी (दयानिधि) Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 12 May 2024 · 1 min read फल और मेवे गर्म हवा के थपेड़े हों या फिर शीत-लहर की ठिठुरन। हर ऋतु में प्रभावित होता है, हम सबका तन व मन। फल और मेवे पास रहे तो, सुहावना लगे हर... Poetry Writing Challenge-3 · आधुनिक कविता · कविता · तुकांत कविता · मौसमी फल · स्वास्थ्य 2 86 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 3 May 2024 · 2 min read टैडी बीयर यहाॅं फरवरी आगमन के साथ ही, प्रेम के पंछी चहचहाने लगते हैं। प्रेम इस संसार का अनमोल रत्न, तथ्य संसार को बताने लगते हैं। चॉकलेट दिल की मिठास बने, गुलाब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · टैडी बीयर · तुकांत कविता · प्रेम कविता · वेलेंटाइन डे की प्रासंगिकता 2 110 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 3 May 2024 · 2 min read साकार नहीं होता है हर साधक की इच्छाओं को, ससमय समुचित बल दिया है तुमने। इस कल्पना के प्रतिबिंब को, यों स्वरूप ही सकल दिया है तुमने। बिन इनके स्वप्न और इच्छा में, कोई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · जय मां शारदे · तुकांत कविता · रचनाधर्म · साहित्यकर्म 2 106 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 3 May 2024 · 2 min read गले लगाना पड़ता है कपट दौड़े सरपट, छल जाता है उछल, जग को यह सब भाता है। भलाई, प्रेम, कृपा, त्याग जैसा भाव, किसी भी मन में न आता है। भोग-विलास करते इस जग... Poetry Writing Challenge-3 · असमंजस · कविता · जिंदगी · तुकांत कविता · सही-गलत की पहचान 1 117 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 3 May 2024 · 1 min read ऐ ज़िन्दगी! कभी निर्विरोध संग बन जाता, तो कभी ये प्रतिपल घोर संघर्ष है। कभी एकांतवास का क्रंदन है, तो कभी ये परिवार संग में हर्ष है। अमिट जोश, जुनून व जज़्बे... Poetry Writing Challenge-3 · असमंजस · कविता · जीवन · तुकांत कविता · मनोभाव 1 122 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read न्याय होता है एक बार धोखा खाया हुआ व्यक्ति, वो ही गलती हर बार करता है। इस विश्वसनीयता का लाभ उठाकर, धूर्त विश्वास पे वार करता है। यूॅं बार-बार विश्वासघात करने से, वो... Poetry Writing Challenge-3 · अतुकान्त कविता · ईश्वरीय न्याय · कर्म · कविता 2 115 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read हार नहीं होती इस शीतलहर से लड़ते-लड़ते, सुगंधित कोंपलें भी खिल जाती हैं। कर्मठता से प्रयास करते रहिए, मंज़िलें तो एक दिन मिल जाती है। जिसका साहस व सामर्थ्य जीवित है, उसकी कभी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · मनोविकार · वैचारिक मतभेद · साहस 2 82 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read रंगों का बस्ता इस काव्य कला में मन के भाव, कलम की नोंक से व्यक्त होते हैं। इस नृत्य शास्त्र में बनकर पूजा, ये हर दिशा में अभिव्यक्त होते हैं। ब्रश, पेंट, कलम,... Poetry Writing Challenge-3 · कलाकार · कविता · तुकांत कविता · रचनाकर्म · साहित्यकार 2 84 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read आसान नहीं ईश्वर ने सृष्टि सृजन के दौरान, इन्हें पुरुषार्थ वरदान में दिया था। हर कर्त्तव्य का निर्वहन करोगे, यह प्रण इनके प्राण में दिया था। ज्यों-ज्यों अन्य जीव निर्मित हुए, त्यों-त्यों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · दुविधा का दृश्य · लड़कों की मनोभावना 2 124 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read बहादुर बेटियाँ कभी सरोजनी नायडू बनकर, स्वर वाटिका में क्रीड़ा दिखाती हैं। कभी लता दीदी भावना लेके, इन कानों में मीठा गीत सुनाती हैं। कभी मणिकर्णिका बनकर, रणभूमि वीरांगना का रूप दिखाऍं।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · बेटियां · भारतीय नारी 2 81 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read एक पुष्प स्वर्ग के देवियों व देवताओं का, अमिट अभिनंदन बन जाता हूॅं। किन्तु पृथ्वी लोक में आते ही, मात्र एक मनोरंजन बन जाता हूॅं। मैं तो केवल एक पुष्प मात्र हूॅं,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · पुष्प · वनस्पति · व्याख्या 2 74 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read हिमनद 6यहाॅं कोई भी कार्य विशेष, मानव के सामर्थ्य से बड़ा नहीं होता। जहाॅं हौंसले टिक जाते हैं, वहाॅं पर व्यर्थ संशय खड़ा नहीं होता। जिन्होंने मुट्ठी में क़ैद कर ली... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · परिवर्तन · भौतिक अवस्थायें · हिमनद 2 94 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read पिताजी हमारे गर्मियों का पंखा व सर्दियों का कंबल हैं पिताजी हमारे। समस्त परिवार का शक्तिशाली संबल हैं पिताजी हमारे। खुशियों व उपहारों से भरा कोई पल हैं पिताजी हमारे। बीता कल,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · दिल के रिश्ते · पिताजी · समर्पण 2 133 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read भारत का बजट भारत के संवैधानिक खाँके में, हर समस्या का समाधान रहता है। वित्तीय फैसलों के लागू होने में, एक बजट का प्रावधान रहता है। हर वर्ग, हर क्षेत्र को छूते हुए,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · बजट · भारतीय अर्थव्यवस्था 2 74 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 3 min read संस्कृतियों का समागम जो सारे मनोभाव उद्वेलित कर दे, उसे ही हम सब स्मृति कहते हैं। जो उद्वेलित भाव प्रत्यक्ष दर्शाए, उस प्रक्रम को संस्कृति कहते हैं। ज्यों सारा ब्रह्माण्ड, विभिन्न आकाशीय पिण्डों... Poetry Writing Challenge-3 · अनेकता में एकता · कविता · तुकांत कविता · भारतीय संस्कृति · भाव अभिव्यक्ति 2 88 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read फूल चुन रही है शरद की ठण्ड जब हुई प्रचंड, तब तो सूर्य के दर्शन भी दुर्लभ हुए। ऋतुराज का आगमन होते ही, प्रकृति के सारे दृश्य भी सुलभ हुए। खुशी में गाते सब... Poetry Writing Challenge-3 · ऋतु परिवर्तन · कविता · तुकांत कविता · पुष्प चयन दृश्य · बसंत ऋतु 2 115 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read शिवाजी १६६४ को मुगल अधीन भारत में, यों ऐसा कार्य भी नेक हुआ था। जिस रोज़ मराठा साम्राज्य में, शिवाजी का राज्याभिषेक हुआ था। वे शस्त्र के संग में जानते थे,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · छत्रपति शिवाजी महाराज · तुकांत कविता · देशभक्ति · मराठा वंश 2 84 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read मेरा घर जैसे ही मनोभाव साझा होते हैं, दिल से दिल बात करने लगता है। एकांत की बेड़ियां तोड़कर, पंछी ख़ुद को आज़ाद करने लगता है। भाव हर मन के पास यूं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · मनोवृत्ति · वसुधैव कुटुंबकम् · संसार 2 139 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read ओ चंदा मामा! चंदा मामा, ओ चंदा मामा!, आप तो कितने प्यारे हो? चमक-दमक से भरे हुए, तुम तो जग के उजियारे हो। चंदा मामा, ओ चंदा मामा!, आप तो कितने प्यारे हो?... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · चंद्रमा · तुकांत कविता · प्रकृति · रात्रि वर्णन 1 81 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read बहुत याद आता है हर भूख को पल में शांत करे, यहाॅं हर माँ के हाथों में जादू भरा है। स्वाद, सुगंध व पोषण का रंग, इनके पकाए हर व्यंजन पे चढ़ा है। मैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · ममत्व · माँ की यादें · स्मृति 1 88 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read गूॅंज जो गौर किया तब यही पाया, ये प्रकृति निष्पक्ष व्यवहार करती है। नीति-रीति या प्रीति-प्रतीति, ये सभी प्रकृति की हुंकार से डरती हैं। कर्म, धर्म और मर्म सबको, निश्चित क्रमानुसार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · मानवता · वसुधैव कुटुंबकम् · वैश्विक सम्बन्ध 1 78 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read काव्य कुछ वर्षों पूर्व मेरे जीवन में, एक अद्भुत परिवर्तन शुरू होने लगा। हिंदी साहित्य के प्रति मेरा चाव, कभी शिष्य-कभी गुरु होने लगा। भाव के लगाव से आया बदलाव, आज... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · रचनाकर्म · रचनाकार · साहित्य प्रेम 1 90 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read अहंकार अच्छे-बुरे में निरंतर होती लड़ाई, हमको केवल यही सीख देती है। नियति से हम जो कुछ छीनें, वो उससे भी बढ़कर वापिस लेती है। कोई भी कुछ संग न ले... Poetry Writing Challenge-3 · अहंकार · कविता · तुकांत कविता · मनोभाव · विकृति 1 99 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read मित्र होना चाहिए हमारे इस अनिश्चित जीवन में, ढ़ेर सारी परिस्थितियाॅं विकट होंगी। कभी रिश्ते दिल से दूर होंगे, कभी मुलाक़ातें दिल के निकट होंगी। जो सुलभता से घुल-मिल जाए, व्यवहार में ऐसा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · परिस्थितियाँ · मित्रता · सम्बन्धों का वर्णन 1 97 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read स्वयं को सुधारें अलग है सुर-ताल, फिर भी हो रहे कमाल, यही जीवन का राग है। सबमें कुछ-न-कुछ कमियाॅं बसीं, भला कौन शक्स यहाॅं बेदाग़ है? दूर दिख रहे लक्ष्य की ओर बढ़ें,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · चिंतन · तुकांत कविता · मंथन · स्व-आंकलन 1 84 Share