Posts Poetry Writing Challenge-2 210 authors · 4349 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 46 Next मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read वीर साहिबजादे वीर साहिबजादे ~~°~~°~~° नहीं छोड़ेंगे कभी धर्म अपना , चाहे दीवार में चिनवा दो , धरा से व्योम तक की ये गूंज , अब सबको सुनवा दो। अन्याय का सदा... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 89 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 2 min read वैदेही का महाप्रयाण वैदेही का महाप्रयाण ~~°~~°~~° अब रहना है जिस हाल, रहो इस जग में ! माँ सीते तो चली भूमि के तल में… तूने न्याय कभी जाना ही नहीं , अटल... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं 1 86 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read स्वामी विवेकानंद सजी थी उम्मीदें धरा पर , व्योम तक हुंकार भरना था । चला वो युवा सन्यासी निकल कर , विश्व में वेदांत का आह्वान करना था । राम कृष्ण के... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 101 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read लहरों पर चलता जीवन लहरों पर चलता जीवन ~~°~~°~~° कभी द्वंद्व रहा,कभी स्वच्छंद रहा , लहरों पर चलता जीवन है । बेफ़िक्र रहा जो हर ग़म से , मन उदात्त कराता वो बचपन है।... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं 101 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read शिव स्तुति शिव स्तुति ~~°~~°~~° माया के जंजाल से, शिव हमें तुम मुक्त कर दे । राग से वैराग्य करके, शिवत्व का वरदान दे दे। क्रोधाग्नि में जलूँ क्यों मैं, कामरिपु विषहार... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं 80 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read होली का रंग होली का रंग ~~°~~°~~° होली का रंग वीभत्स नहीं , ये अश्लील नहीं रंग जीवन है। ये राग-रंग का है पर्व सदा , निर्मलता सौहार्द संजीवन है। हिरण्यकशिपु पिशाच था... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 79 Share भगवती प्रसाद व्यास " नीरद " 11 Feb 2024 · 1 min read " दिल गया है हाथ से " गीत हाथ ने जब हाथ थामा , दिल गया है हाथ से !! है खुशी का दौर अब तो , पंख जैसे लग गये ! है विचारों की उड़ानें ,... Poetry Writing Challenge-2 3 1 222 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 11 Feb 2024 · 1 min read सरोकार खुद की पीड़ा से रहा, सभी को सरोकार। पर पीड़ा करती रही, दूर खड़ी चीत्कार । Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 342 Share भगवती प्रसाद व्यास " नीरद " 11 Feb 2024 · 1 min read " हम तो हारे बैठे हैं " गीत तुमने हँस कर बाजी जीती , हम तो हारे बैठे है . सपने भी अपने कब ठहरे , नाम तुम्हारे ऐंठे हैं . उड़ी नींद आँखों की ऐसी ,... Poetry Writing Challenge-2 3 1 205 Share भगवती प्रसाद व्यास " नीरद " 11 Feb 2024 · 1 min read " मन भी लगे बवाली " गीत समय फिसलता बालू जैसा , हम देते हैं ताली ! घड़ी , प्रहर , रात - दिन , बीते , हाथ सदा हैं खाली !! नियति से सब बंधे... Poetry Writing Challenge-2 3 1 201 Share भगवती प्रसाद व्यास " नीरद " 11 Feb 2024 · 1 min read " अधरों पर मधु बोल " गीत पुलक गात पर अरुणिम लाली , अधरों पर मधु बोल ! हँसी बिखेरे , आँगन में तू , हिंरणी सी मत डोल !! नज़रें टिकी हुई हैं हम पर... Poetry Writing Challenge-2 3 1 214 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 11 Feb 2024 · 1 min read 11, मेरा वजूद अक्सर निहारती हूँ... खुद को आईने में, आज देखा तो... पलभर के लिए लगा... मैं कहाँ खो गई? वक़्त की तपीश से पके बालों को.. अक्सर रंगों से ढ़कती रही,... Poetry Writing Challenge-2 1 158 Share Ritu Asooja 11 Feb 2024 · 1 min read आजाद पंछी *पिंजरों से निकल कर पंछी जब आजाद हुए ,सुनहरे अक्षरों में अपनी तक़दीर* लिखने को बेताब हुए..... छूने को आसमान हम इस क़दर पंख फड़फड़ायेंग़े राहों की हर बाधा से... Poetry Writing Challenge-2 1 163 Share Ritu Asooja 11 Feb 2024 · 1 min read देवों की भूमि उत्तराखण्ड देवों की भूमि "उत्तराखण्ड" "भारत"के सिर का ताज गंगोत्री ,यमनोत्री,बद्रीनाथ,केदारनाथ आदि तीर्थस्थलों का यहीं पर वास पतित ,पावनी निर्मल ,अमिय माँ गँगा का उद्गम गंगोत्री .. से हरी की पौड़ी... Poetry Writing Challenge-2 1 136 Share भगवती प्रसाद व्यास " नीरद " 11 Feb 2024 · 1 min read " हुई हृदय झंकार " गीत पाती तेरे नाम लिखी है , हुई हृदय झंकार !! जो अधरों से कह न पाया , दिया उसे आधार ! शब्द शब्द में आज डुबोई , मैंने है... Poetry Writing Challenge-2 3 1 251 Share Ritu Asooja 11 Feb 2024 · 1 min read *आत्मविश्वास* आत्मविश्वास * " आत्म विश्वास यानि स्वयं का स्वयं पर विश्वास अद्वित्य,अदृश्य, आत्मा की आवाज़ है ,आत्मविश्वास" आत्मविश्वास मनुष्य में समाहित अमूल्य रत्न मणि है। आत्मविश्वास एक ऐसी पूंजी है... Poetry Writing Challenge-2 1 181 Share Suman (Aditi Angel 🧚🏻) 11 Feb 2024 · 1 min read हे मां शारदे ज्ञान दे हे मां शारदे ज्ञान दे, विद्या बुद्धि का धन दे अज्ञानता को मेरी दूर कर ज्ञान के प्रकाश से भर दे। हे मां शारदे विवेक दे, एक बेहतर इंसान बना... Poetry Writing Challenge-2 · Anthology · SilentEyes · कविता · माँ सरस्वती 2 239 Share भगवती प्रसाद व्यास " नीरद " 11 Feb 2024 · 1 min read गीत गीत सादगी है अदा , याद के हैं भँवर ! खिलखिला तुम दिये , उठ रही है लहर !! जान कर बन रहे , आज अनजान हो ! रूप ऐसा... Poetry Writing Challenge-2 3 1 172 Share Minal Aggarwal 11 Feb 2024 · 1 min read तेरे होने का सबूत उसके होने का अहसास और अधिक पुख्ता हुआ जब कमरे की दीवार पर टंगा कैलेंडर का पन्ना बंद खिड़कियों और रोशनदानों के बीच बिना हवा के गहन खामोशियों को तोड़ता... Poetry Writing Challenge-2 71 Share भगवती प्रसाद व्यास " नीरद " 11 Feb 2024 · 1 min read " नम पलकों की कोर " गीत बनते -और , बिगड़ते देखा संबंधों , का दौर ! अँधियारे - को , रोज समेटे , उजली उजली भोर !! बदले बदले , मापदंड हैं , जुड़े न... Poetry Writing Challenge-2 2 1 176 Share Ritu Asooja 11 Feb 2024 · 1 min read अमृत मयी गंगा जलधारा *ध्यान-योग की पवित्र स्थली शुभ कर्म जो, गंगा मैय्या की शरण मिली, महाकुंभ में आलौकिक स्वर्ग स्वरूपणी ऋषिकेश त्रिवेणी संगम की गंगा घाट की अद्वितीय छवि अन्नत,अथाह ,अविरल * अमृतमयी... Poetry Writing Challenge-2 148 Share Ritu Asooja 11 Feb 2024 · 1 min read बरकत का चूल्हा हर घर में रोज जले बरकत का चूल्हा प्रेम ,अपनत्व का सांझा चूल्हा ** मां तुम जमा लो चूल्हा मैं तुम्हें ला दूंगा लकड़ी अग्नि के तेज से तपा लो... Poetry Writing Challenge-2 149 Share भगवती प्रसाद व्यास " नीरद " 11 Feb 2024 · 1 min read " पीती गरल रही है " गीत जन्म दिया है नारी ने , पालनहार वही है ! मातृ रूप में पूज्या भी , नारी सदा रही है !! प्रथम दरश नयना पाते , छवि अंकित मनहारी... Poetry Writing Challenge-2 2 1 234 Share लक्ष्मी सिंह 11 Feb 2024 · 1 min read प्राण-प्रतिष्ठा(अयोध्या राम मन्दिर) मंगल ही मंगल हुआ, मंगलमय सब काज। प्राण प्रतिष्ठा हो रही,राम लला की आज।। सत्य सनातन धर्म की,बहुत बड़ी है जीत।। पूरे भारत वर्ष में,गूंज उठा यह गीत।। पावन बेला... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 147 Share विजय कुमार अग्रवाल 11 Feb 2024 · 1 min read चुनाव चालीसा समय आ गया है वीरों,अब यह करके तुम्हें दिखाना है। भारत की गरिमा की खातिर,अब फिर से कमल खिलाना है।। बन चौकीदार जिस नायक ने भारत का मान बढ़ाया है।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 147 Share सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज ' 11 Feb 2024 · 1 min read जंगल ही ना रहे तो फिर सोचो हम क्या हो जाएंगे ये खूबसूरत दृश्य आंखों से ओझल हो जाएंगे जंगल ही ना रहे तो फिर सोचो हम क्या हो जाएंगे आधुनिकता के इस खेल में बस पुर्जे ही रह जाएंगे बारिश... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 173 Share सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज ' 11 Feb 2024 · 1 min read जीवन चक्र घर की जिम्मेदारी की जद में आ गया एक नन्हा कल मुश्किल में आ गया पिता जी को लगी थी लत दारु की उस में पिता का जीवन चला गया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · संस्मरण 215 Share Basant Bhagawan Roy 11 Feb 2024 · 1 min read आया तेरे दर पर बेटा माँ जो नाता थी, जमाने से तोड़ आया हूं तेरी शरण में माँ, दुनियां को छोड़ आया हूं। आया तेरे दर पर, बेटा माँ बेटा तेरा माँ, बेटा तेरा माँ, बेटा... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 195 Share Basant Bhagawan Roy 11 Feb 2024 · 1 min read माँ तेरे दर्शन की अँखिया ये प्यासी है माँ तेरे, दर्शन की अँखिया ये प्यासी है । दर्शन दिखा दे माँ, अर्ज ये हमारी है।। तेरे दर पे भक्तो की, भीर बड़ी भारी है निसहाय, निर्धन, निर्बल आया... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 244 Share विजय कुमार अग्रवाल 11 Feb 2024 · 1 min read नफ़रत क्या कर सकते हो ज़रा सोचो,नफरत को कैसे मिटा तुम सकते हो। हर दिल में जो जबरन धड़क रही है,क्या इसको हटा तुम सकते हो।। भाई भाई के खड़ा विरुद्ध... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 175 Share पूर्वार्थ 11 Feb 2024 · 1 min read तुम्हारी कलम कलम, ना उठाने में यकीन है कैसा यकीन? यही कि, कोई आपके अंतर्मन में उन छोटे-छोटे झरोखों से झांकेगा नहीं उन बिखरी पड़ी चीज़ों के टुटने को सुनेगा नहीं उन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 79 Share पूर्वार्थ 11 Feb 2024 · 2 min read मोहब्बत घाव भरने से शख्सियत नहीं भूलता, इन्सान है, अपनी मिल्कियत नहीं भूलता, भुला देते हैं यूँ तो लोग वक्त के बहाने से, के बहाने से अस्थियाँ कोई अपने नहीं भूलता,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 115 Share Ritu Asooja 11 Feb 2024 · 1 min read स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना *स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना यही एक लेखक की इबादत होती है हर तरफ खूबसूरत देखने की एक सच्चे लेखक की आदत होती है *** अन्याय, अहिंसा, भेदभाव, देख... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 117 Share Ritu Asooja 11 Feb 2024 · 1 min read स्वयं अपने चित्रकार बनो चित्रकार तुम स्वयं ही अपने चित्रकार चल संवार अपना भाग्य संवार अच्छी सोच सभ्य आचरण एवं कर्मठता के प्रयासों से दे स्वयं के जीवन को सुन्दर आकार योग्यता अपनी-अपनी बुद्धि,... Poetry Writing Challenge-2 138 Share Ritu Asooja 11 Feb 2024 · 1 min read चित्रकार की खूबसूरती *एक ख्याति प्राप्त खूबसूरत, चित्र जिसे देख सब मंत्रमुग्ध हो उसे निहार रहे थे। चित्र और चित्रकार की चित्रकारी के कसीदे पड़े जा रहे थे। चक्षुओं का क्या कहना नजरें... Poetry Writing Challenge-2 139 Share Ritu Asooja 11 Feb 2024 · 1 min read खूबसूरत देखने की आदत *ख़ूबसूरत देखने की आदत** *स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना यही एक लेखक की इबादत होती है* हर तरफ़ ख़बसूरत देखने की एक सच्चे लेखक की आदत होती है *... Poetry Writing Challenge-2 86 Share Neelam Sharma 11 Feb 2024 · 1 min read बस्ते...! बस यूँ ही 🤗 ये बोझिल बस्ते! अर्ध मुद्रा में पड़े से, बोझिल,अलसाए, दृढ़ निश्चय पर अड़े से। देखे मैंने बोझिल बस्ते! मानों चिर योग मुद्रा में, हों अपने इष्ट... Poetry Writing Challenge-2 · बस्ते 137 Share Bodhisatva kastooriya 11 Feb 2024 · 1 min read सूर्य देव सूर्य देव के आलोक से पुलकित ये संसार! पशु-पक्षी, नर-नारी, बच्चे-बूढे,वृद्ध, लाचार!! तन-मन सब प्रमुदित पा कर आपकी ऊर्जा, आप ही हो चराचर जगत के जीवन आधार!! Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक 171 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 11 Feb 2024 · 1 min read 🌹हार कर भी जीत 🌹 🌹हार कर भी जीत🌹 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 कभी 'हार' कर भी 'जीत' का अहसास करके देखिये। अपनों की खुशी के लिए हारकर... कितना सुकून मिलता है महसूस करके देखिये। कभी-कभी हारकर भी... Poetry Writing Challenge-2 138 Share Neeraj Agarwal 11 Feb 2024 · 1 min read जिज्ञासा शीर्षक - जिज्ञासा ************ सच और सही तो नियम जिज्ञासा है। हम तुम रब के बनाए रंगमंच चित्र हैं। मानव तो हम सच कहां जिज्ञासा हैं। बस जिंदगी गुज़र बसर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 156 Share DR ARUN KUMAR SHASTRI 11 Feb 2024 · 1 min read *क्या देखते हो* डॉ अरुण कुमार शास्त्री शीर्षक -*क्या देखते हो * उम्र के आखरी पड़ाव में हूँ । बस्ती से दूर सड़क पर खड़ा हूँ । कोई रहबर न साथी न कोई... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 133 Share DR ARUN KUMAR SHASTRI 11 Feb 2024 · 2 min read * चली रे चली * डॉ अरुण कुमार शास्त्री शीर्षक *चली रे चली * खुशबू बिखेरती जुल्फों को छेड़ती अधरों पर लिए मुस्कान चली है नार नवेली चली है नार नवेली । आँखों में है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 146 Share शशि कांत श्रीवास्तव 11 Feb 2024 · 1 min read निहार रही हूँ उस पथ को *निहार रही हूँ उस पथ को* *********************** नीर भरी नयनों से -मैं , निहार रही हूँ उस पथ को, जिस पथ को तुम छोड़ गये थे, लिये उदास से चेहरे... Poetry Writing Challenge-2 1 78 Share DR ARUN KUMAR SHASTRI 11 Feb 2024 · 1 min read *अहंकार* लेखक – डॉ अरुण कुमार शास्त्री शीर्षक – अहंकार * किरकिरी किसी की न कीजिए जनाब । हिकारत से देखना किसी को होता है खराब । हेठी कहाँ सुहाती है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 110 Share DR ARUN KUMAR SHASTRI 11 Feb 2024 · 1 min read *पछतावा* लेखक – डॉ अरुण कुमार शास्त्री शीर्षक , पछतावा बीत रहे हैं दिन पर दिन पछतावा तो होगा । खाली रहा तू सारा दिन पछतावा तो होगा । जन्म मिला... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 183 Share DR ARUN KUMAR SHASTRI 11 Feb 2024 · 2 min read अहोभाग्य शीर्षक – अहोभाग्य लेखक – डॉ अरुण कुमार शास्त्री पहचान के लिए आज जूझ रहा है साहित्यकार । कर रहा कविता लिख रहा लेख हर समूह – हर बार ।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 130 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 11 Feb 2024 · 1 min read 🌹पत्नी🌹 🌹पत्नी 🌹 कुछ सफ़ेद पोशों की दुनिया में... पत्नी की क्या हस्ती है। औरत इनके लिए खास, और... पत्नी बहुत सस्ती है। पत्नी को मर्यादित रखते, लेकिन... अमर्यादित इनकी अपनी... Poetry Writing Challenge-2 118 Share Atul "Krishn" 11 Feb 2024 · 1 min read मेरा शहर कहीं ग़ुम हो गया है तपाक से गले से लगने वाले अब तो नज़रें भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं इस ख़ौफ़ के सन्नाटे में - मेरा शहर कहीं ग़ुम हो गया है बदलते वख़्त के... Poetry Writing Challenge-2 149 Share Atul "Krishn" 11 Feb 2024 · 1 min read समय का सिक्का - हेड और टेल की कहानी है जीवन और मृत्यु आज और कल समय के सिक्के का हेड और टेल ही तो है आज हेड है सामने ग़र टेल में है “दो कल” छुपे हुए पर मशगूल... Poetry Writing Challenge-2 87 Share Atul "Krishn" 11 Feb 2024 · 1 min read दरिंदगी के ग़ुबार में अज़ीज़ किश्तों में नज़र आते हैं धमाकों से फैली इस धुँध में वो सर्दियों सी ठंडक नहीं होती ज़िस्म और ज़ेहन - सभी जल जाते हैं दस्तानों की ज़रूरत नहीं होती इस धुँध के छटनें पर... Poetry Writing Challenge-2 65 Share Previous Page 46 Next