*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
माँ-सम सुत को पालती, कृषि-कृषक उद्धार| गौ माता अन्नपूर्णा, जीवन का आधार || सूरज की है प्रतिनिधि, वसुओं को दे प्यार, आदित्यों की बहना है, शिव भी नन्दी सवार, मनवांछित...
Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत