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सोचती हूँ, समझती हूँ, समझाती हूँ ख़ुद को कभी, गर ख़ुशी है आसपास तो क्यों अपनी ही ख़ुशी से डरती हूँ मैं|
बहुत बढ़िया…
सोचती हूँ, समझती हूँ, समझाती हूँ ख़ुद को कभी,
गर ख़ुशी है आसपास तो क्यों अपनी ही ख़ुशी से डरती हूँ मैं|
बहुत बढ़िया…