Comments (2)
Poonam Matia
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12 Feb 2024 04:28 PM
dhanywad Sanjeevni……..and Naresh
गुथने के बाद कितना
आ जाता है जीवन में बदलाव|
परस्पर जोड़ने को ‘अपने’
ज्यूँ फैलाए जाते हैं हाथ
बहुत सुंदर कविता