OM PRAKASH MEENA Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid OM PRAKASH MEENA 18 Feb 2024 · 1 min read तनाव इस लौकिक जगत में स्थित प्रज्ञ सा सुदृढ़मना होकर भी सदा सुरक्षित नहीं तुम मुझसे मैं तनाव तुम्हारे मन में निर्मित जीवन दर्शन के सुरक्षा कवच को छेद कर गहन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 113 Share OM PRAKASH MEENA 18 Feb 2024 · 1 min read सर्दी विशाल वैभव विलासिता की चमचमाती चर्चित चकाचौंध में आधुनिक सुख सुविधाओं के साधनों से सुसज्जित वातानुकूलित कक्ष में बैठकर अर्थ क्या बताएंगे हम कड़ाके की ठंड ,शीत लहर का इस... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 127 Share OM PRAKASH MEENA 18 Feb 2024 · 1 min read सौंदर्य हर दिन फल सब्जी के ठेले पर जिंदगी के अभावो से संघर्ष करती अपने दुर्भाग्य से संवाद करती चमक दमक से अनभिज्ञ जीर्ण शीर्ण वस्त्रों में शहर के गली मोहल्लों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 112 Share OM PRAKASH MEENA 18 Feb 2024 · 1 min read खण्डहर आभाहीन पत्थरो ,ईटो से निर्मित इन अवशेष खंडहरों में छिपे पड़े हैं सामंती जीवन के ऐतिहासिक संदर्भ बौद्धिक चेतना से प्रेरित पुरातात्विक शोध होगा तो खंडहरों में अंतर्निहित अतीत के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 78 Share OM PRAKASH MEENA 18 Feb 2024 · 1 min read रुपया अभी अभी लौटा हूं बाजार के भीड़ भरे माहौल से जिसमें उथल-पुथल आपा धापी रेलमपेल भाग दौड़ व्यस्त जिंदगी के सिवा कुछ भी नहीं इन सब के केंद्र बिंदु ढूंढा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 99 Share OM PRAKASH MEENA 18 Feb 2024 · 1 min read आत्म बोध कीर्ति और वैभव के उच्च आयामों को स्पर्श करने वाला सम्भ्रांत व्यक्ति जब परमात्मा के जीवंत प्रतिमा के सम्मुख खड़ा होता है तो आत्मबोध होने लगता है खुद को खुद... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 127 Share OM PRAKASH MEENA 17 Feb 2024 · 1 min read बचपन यू तो बड़ा मुश्किल होता है नन्हे बचपन को पालना पोषना उनकी हर एक बात को टालना टोकना जिद पूरी करने पड़ती उनकी अपने सुख-दुख को भूलकर यथार्थ पर झूलकर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 93 Share OM PRAKASH MEENA 17 Feb 2024 · 1 min read जीवन शैली अब आधुनिक बोध से परे अपने सांस्कृतिक अतीत में खोजने होंगे दीर्घजीवी जीवन के रहस्यमय बीज सूत्र जो दबे पड़े हैं पुरातन जीवन शैली की उपजाऊ मिट्टी में जिसकी ऊपरी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 131 Share OM PRAKASH MEENA 17 Feb 2024 · 1 min read मनुष्य अपने धन बल से बुद्धि और छल बल से योग्यता और कागज़ी डिग्रियां पाकर बन गए बड़े-बड़े नेता अभिनेता डॉक्टर वकील अभियंता और भी कई अधिकारी पर मनुष्य कितने बने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 136 Share OM PRAKASH MEENA 17 Feb 2024 · 1 min read नेता जब मन में उठा लेता हूं तो उनको भी जान लेता हूं जो स्वयं को समाज राष्ट्र व्यक्ति का हितैषी होने का स्वांग रचा करते हैं सामाजिक सम्मेलन चुनावी सभाओं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 53 Share OM PRAKASH MEENA 17 Feb 2024 · 1 min read मानसिक विस्फोट कभी-कभी मस्तिष्क के आसपास असंख्य प्रसंग घटनाएं और असीमित कल्पनाएं कई स्थितिया विविध विसंगतियां कहीं दुर्गति कहीं थोथी प्रगति ये समूह में आकर तैरती रहती सृजन की सक्रिय चेतना में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 74 Share OM PRAKASH MEENA 17 Feb 2024 · 1 min read जिंदगी और मौत मैं अपनी जिंदगी को साथ लेकर चलने का प्रयास करता वही मौत भी मेरी जिंदगी से मिलने का दुस्साहस करती है और मैं मूक दर्शक बनकर उन दोनों के बीच... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 133 Share OM PRAKASH MEENA 17 Feb 2024 · 1 min read मेरी कलम कविता लोग कहते है कि कुछ दिनों से मैं बदल सा गया हूं पर लगता है समय से पहले मैं संभल सा गया हूं चाहे मेरा कोई साहित्यिक अतीत नही और... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 101 Share OM PRAKASH MEENA 17 Feb 2024 · 1 min read कुछ शब्द कुछ भाव कविता कुछ शब्द इकट्ठे करता हूं कुछ भाव इकट्ठे करता हूं दुख दर्द लिए फिरते हैं कुछ आस लिए फिरते हैं कुछ दर्द बयां करते अपना कुछ चेहरे पर आभास लिए... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 66 Share OM PRAKASH MEENA 16 Feb 2024 · 1 min read अखबार की खबर कविता अक्सर होती रहती है सड़क दुर्घटनाए कहीं ना कहीं गांव शहरों में हर दिन आशंकित होकर ढूंढते हैं अपने परिचितों परिजनों के नाम अखबार में कि कहीं कोई अपना तो... Poetry Writing Challenge-2 116 Share OM PRAKASH MEENA 16 Feb 2024 · 1 min read भिखारी कविता वस्त्र नही मेरे तन पर अब भूखा प्यासा घूम रहा हूं जग भर की धिक्कार झेल कर विकट संकट से खेल रहा हूं पीड़ा मेरी जान ना पाए अपने और... Poetry Writing Challenge-2 107 Share OM PRAKASH MEENA 16 Feb 2024 · 1 min read किसान कविता 21वीं सदी का आगमन भयंकर अकाल की मार से किसान के सूने हुए खेत खलियान जिनमे अनाज और हरियाली की जगह नजर आते हैं सूखी रेत के मैदान अब वह... Poetry Writing Challenge-2 150 Share OM PRAKASH MEENA 16 Feb 2024 · 1 min read बाढ़ @कविता जब मै होती हु प्रकट तो जड़ क्षेत्र पदार्थ खो देते हैं स्वरूप अपना मेरे जल कण से निर्मित लघु सागर सा लहराता है इस भू पटल पर मानव की... Poetry Writing Challenge-2 62 Share OM PRAKASH MEENA 16 Feb 2024 · 1 min read अज्ञानी मन @ कविता मैंने सोचा सबसे अधिक संकटों से वास्ता मेरा पड़ा है पर यहां हर शहर कस्बों गांव गलियों में सुखों से आदमी अनजान खड़ा है शहर जिसमें चमक दमक आवो हवा... Poetry Writing Challenge-2 62 Share OM PRAKASH MEENA 16 Feb 2024 · 1 min read अधिकारी आपकी अहंकारी प्रवृत्ति स्वार्थी व धन लोलुप इस मानस की विकृति में पिसता आमजन हताशा निराशा में आकंठ डूबा एक आशा की किरण तलाशता मन यदि वर्षों गुजार दे तो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 79 Share OM PRAKASH MEENA 16 Feb 2024 · 1 min read देहाती कविता मेरी पहुंच उस गांव तक है जहां बदहाल जीवन जीने को विवश सृष्टि का का ये उच्चतम जीव जिसे देहाती नाम दिया हम बौद्धिक पृष्ठभूमि में उपजे शहरवासियों ने इनकी... Poetry Writing Challenge-2 1 100 Share OM PRAKASH MEENA 15 Feb 2024 · 1 min read श्रद्धा शायद इन प्रस्तर खंडों में विराजमान देव प्रतिमाओं नेअस्तित्व खो दिया अपना तभी तो सड़क किनारे स्थित देव स्थानों पर बस की खिड़की से यात्री अपने हाथ व सिर निकाल... Poetry Writing Challenge-2 2 51 Share OM PRAKASH MEENA 15 Feb 2024 · 1 min read शर्मनाक हरकत दर्द की दास्तान देख देख चंचल चर्चित चैनलों पर निराशा की नदी में आध्यात्मिक बौद्धिक पंडितों के संस्कारित मन डूब गए दामिनी के दर्द से दुखी कलमकारो की असंख्य लखनी... Poetry Writing Challenge-2 1 89 Share OM PRAKASH MEENA 15 Feb 2024 · 1 min read यही तो जीवन है जगती के कटु यथार्थ को जीते हुए दुख की दास्तान दबाकर हर हाल में उमंगित रहे तो जीवन है असमय मृत्यु के अचानक आगमन पर हृदय विदारक चित्कारों में शव... Poetry Writing Challenge-2 117 Share OM PRAKASH MEENA 15 Feb 2024 · 1 min read चिंतन की एक धार रखो कविता उधम के इस पावन युग में खुद को ना बेकार रखो अपने मन की उथल-पुथल में चिंतन की एक धार रखो महा समर के कुरुक्षेत्र में गांडीव की टंकार रखो... 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