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16 Feb 2024 · 1 min read

देहाती कविता

मेरी पहुंच उस गांव तक है
जहां बदहाल जीवन जीने को विवश
सृष्टि का का ये उच्चतम जीव
जिसे देहाती नाम दिया
हम बौद्धिक पृष्ठभूमि में उपजे शहरवासियों ने
इनकी गरीबी रेखा के नीचे
दबी पड़ी है सेंसेक्स की कई ऊंचाईया
दो देशों के द्विपक्षीय समझौते भी
अर्थहीन लगते है देहाती जीवन के संदर्भ में
इनकी आवश्यकताओ की आपूर्ति हेतु
गांव के सेठ साहूकारों से किये
लिखित मौखिक करारों के समक्ष
जिनको निभाते निभाते
सारी उम्र बीत जाती है
उस लाचार देहाती की

रचनाकार ओम प्रकाश मीना

1 Like · 73 Views
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